बदायूं जिले के विकास और बदायूं जिले के लोगों को पद-प्रतिष्ठा दिलाने के बारे में कम ही लोग सोचते होंगे, ऐसे ही एक समाजसेवी हैं रवि प्रताप सिंह। रवि प्रताप सिंह जिले के नेताओं को और बड़ा पद, और अधिक प्रतिष्ठा दिलाने के लिए रात-दिन जुटे रहते हैं, उनका प्रयास रहता है कि बदायूं और बदायूं के लोग वैश्विक स्तर पर जाने-पहचाने जायें, इसके लिए वे न सिर्फ जमीनी स्तर पर बल्कि, धार्मिक स्तर पर भी गंभीर प्रयास करते हुए देखे जा सकते हैं।
गांव दौरी निवासी रवि प्रताप सिंह को आम जनता प्यार से रवि के नाम से पुकारती है। रवि का सदैव यही प्रयास रहता है कि बदायूं के लोगों का बड़ा नाम हो। धार्मिक स्वभाव के होने के कारण रवि बदायूं के लोगों को धार्मिक राह पर भी ले जाने का प्रयास करते हैं। रवि हरियाणा के सांपला में स्थित काली धाम के अनन्य भक्त बताये जाते हैं, इसलिए रवि बदायूं के लोगों को वहां आशीर्वाद दिलाने ले जाते हैं, इस क्रम में वे दातागंज क्षेत्र के पूर्व विधायक सिनोद कुमार शाक्य “दीपू भैया” को ले गये और वहां विधि-विधान पूर्वक पूजन कराया लेकिन, दीपू भैया को न विधान सभा का टिकट मिला और न विधायक बन पाये, साथ ही समाजवादी पार्टी से विधान परिषद का टिकट मिलने के बावजूद भाजपा प्रत्याशी को समर्थन देना पड़ा, इससे पहले उनकी पत्नी सुनीता शाक्य को समाजवादी पार्टी ने जिला पंचायत अध्यक्ष पद का प्रत्याशी बनाया था पर, वे चुनाव हार गई थीं। परिणाम जो भी रहा हो पर, समाजसेवी रवि के अथक प्रयासों की चारों दिशाओं में चर्चा की जा रही है।
धर्मेन्द्र यादव बदायूं से सांसद रहे हैं, इसलिए रवि का लगाव धर्मेन्द्र यादव से भी होना स्वभाविक ही है। धर्मेन्द्र यादव की पद-प्रतिष्ठा आसमान तक हो, इसके लिए रवि ने अपनी शक्ति झोंक दी, वे धर्मेन्द्र यादव को भी काली धाम पर लेकर गये और वहां विधि-विधान से हवन-पूजन कराया लेकिन, निजी ग्रह-दशाओं के भी मायने होते हैं, सो धर्मेन्द्र यादव का राजनैतिक दृष्टि से बहुत अधिक लाभ नहीं हुआ पर, रवि के प्रयासों को नहीं नकारा जा सकता, उनकी हर कोई प्रशंसा ही करता है।
वर्तमान में बीएल वर्मा की तू-ती बोल रही है, वे केंद्र सरकार में राज्यमंत्री हैं और सहकारिता के साथ पूर्वोत्तर विकास के मामले देख रहे हैं, वे गृहमंत्री अमित शाह के सहयोगी मंत्री कहे जाते हैं लेकिन, रवि को लगता होगा कि बीएल वर्मा का कद और बढ़ा होना चाहिए, उनका नाम न सिर्फ देश बल्कि, दुनिया भर में होना चाहिए, उनके पास राज्यमंत्री से बड़ा पद होना चाहिए, सो वे बीएल वर्मा को भी काली धाम पर ले गये, वहां धार्मिक अनुष्ठान कराया। बदायूं और बदायूं के लोगों के प्रति रवि की लगन और मेहनत की चारों दिशाओं में प्रशंसा की जा रही है। अब देखना यह है कि बीएल वर्मा को अनुष्ठान का लाभ कब तक मिल पायेगा। लोग बीएल वर्मा के कद और पद बढ़ने की बेसब्री से प्रतीक्षा कर रहे हैं।
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