बदायूं जिले की तहसील बिल्सी क्षेत्र के ग्राम तिगोड़ा निवासी आशाराम पुत्र अमर सिंह ने जिलाधिकारी दिनेश कुमार सिंह से 7 अप्रैल को को शिकायत की थी कि सौभाग्य योजना के अंतर्गत 17 दिसम्बर 2017 को उसको विद्युत उपकेन्द्र उझानी से विद्युत कनेक्शन संख्या- 05832 दिया गया था, जिसकी लाइन अवर अभियन्ता द्वारा नहीं खिंचवाई गई है। लाइन खिंचवाने हेतु आशाराम के द्वारा आईजीआरएस संख्या- 40014918002087 के माध्यम से शिकायत भी की गई, जिसकी जांच में अधिशासी अभियन्ता प्रथम के द्वारा अवगत कराया गया कि लाइन जुड़वा दी गई है, जबकि मौके पर लाइन नहीं जोड़ी गई है।
शिकायतकर्ता आशाराम के द्वारा पुनः आईजीआरएस संख्या- 20014918001059 पर शिकायत की गई, जिस पर अधिशासी अभियन्ता ने अवगत कराया कि शिकायतकर्ता ने गलत सूचना देकर कनेक्शन प्राप्त किया है, जो कि ग्राम की एलटी लाइन से स्वीकृत है। शिकायतकर्ता दूसरे के निजी नलकूप से जोड़ने की बात कर रहा है, जबकि वह पहले से ही अतिभारित है। पूर्व में स्वीकृत ग्राम की एलटी लाइन से उसको संयोजन दिया गया है।
शिकायतकर्ता द्वारा तीसरी बार आईजीआरएस संख्या- 40014918006194 पर पुनः शिकायत की गई, जिस पर अधिशासी अभियन्ता प्रथम ने डीएम को अवगत कराया गया कि अवर अभियन्ता ने अवगत कराया है कि विभागीय नियमानुसार उपभोक्ता को 40 मीटर तक कनेक्शन दिया जा सकता है, जबकि शिकायतकर्ता के कनेक्शन की दूरी 40 मीटर से अधिक है। शिकायतकर्ता केबिल की व्यवस्था कर अवर अभियन्ता से सम्पर्क करे। आईजीआरएस के अंतर्गत दिये गये तीनों पत्रों की जांच आख्याओं में विरोधाभास पाये जाने पर प्रश्नगत शिकायत की जांच प्रशासनिक अधिकारी कलेक्ट्रेट से कराई गई, साथ ही विद्युत विभाग के कर्मचारियों के साथ स्थलीय परीक्षण किया गया।
प्रशासनिक अधिकारी कलेक्ट्रेट ने 7 अप्रैल 2018 को अपनी आख्या में अवगत कराया कि उनके द्वारा विद्युत उपकेन्द्र उझानी के अवर अभियन्ता ज्ञानेश कुमार एवं सफरुद्दीन लाइन मैन को साथ ले जाकर ग्राम तिगोड़ा में स्थल पर जांच की गई तो, जांच में पाया गया कि शिकायतकर्ता के घर से पहले रामपाल के घर के आगे ट्रांसफार्मर रामपाल की चक्की हेतु रखा हुआ है, जिसकी दूरी शिकायतकर्ता के घर से मात्र 25-30 मीटर है। दोनो पक्षों में विवाद होने के कारण अवर अभियन्ता/लाइनमैन द्वारा लाइन नहीं खिंचवाई गई। दूसरा ट्रांसफार्मर शिकायतकर्ता के घर के पीछे लगभग 100 मीटर की दूरी पर स्थित है। जांच में अवर अभियन्ता शिकायतकर्ता की लाइन न खिंचवाकर आईजीआरएस के प्रार्थना पत्रों पर भ्रामक एवं विरोधाभासी आख्याएं प्रस्तुत करते रहे। जाँच में पाया गया कि लाइनमैन सफरुद्दीन एवं ज्ञानेश कुमार अवर अभियन्ता मुख्य रूप से दोषी हैं। डीएम ने ज्ञानेश कुमार और सफरुद्दीन को तत्काल प्रभाव से निलम्बित किये जाने के निर्देश दिए हैं।
इसके अलावा जिलाधिकारी दिनेश कुमार सिंह ने मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश सरकार के महत्वपूर्ण कार्यक्रम राज्य पोषण मिशन के अंतर्गत जिला स्तरीय पोषण समिति की बैठक आयोजित की। उन्होंने कहा कि जो 90 गांव कुपोषण से मुक्त करने के लिए चयनित किए गए हैं, वह सभी गांव इस माह में कुपोषण मुक्त हो जाना चाहिए। कुपोषण मुक्त कार्यक्रम में लगे डॉक्टरों को निर्देश दिए कि एएनएम, सीडीपीओ आशा एवं आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के माध्यम से गांवों तथा स्कूलों में गोलियां वितरित करायें। उन्होंने डॉक्टरों को निर्देश दिए कि समस्त अस्पतालों में नवजात शिशुओं को एक घंटे के अंदर मां का स्तनपान कराना सुनिश्चित करें। यह बड़ा महत्वपूर्ण कार्य सभी विभाग युद्ध स्तर पर कार्य कर अंजाम दें।
उन्होंने कहा कि सीडीपीओ की जिम्मेदारी है कि गांवों में समय-समय पर बैठक कराती रहें। नोडल अधिकारी गांव जाए तब, सारी रिपोर्ट के साथ सीडीपीओ मौजूद मिले। सीडीपीओ प्रत्येक सप्ताह की सूचना अपने-अपने क्षेत्र की ऑनलाइन दर्ज करायें। डीएम ने निर्देश दिए कि जनपद में कुल 90 गांव इस योजना के अंतर्गत चयन किए गए थे, जिसमें से 53 कुपोषण मुक्त हो चुके हैं, शेष 37 गांवों को इस माह में कुपोषण मुक्त कर लिया जाये। उन्होंने सीडीपीओ को निर्देश दिए कि चयनित गांवों के अलावा अन्य गांवों पर कड़ी नजर रखी जाए, कोई भी बच्चा कुपोषित न रहे। समस्त लाल श्रेणी के अति-कुपोषित, कुपोषित बच्चे एनआरसी में भर्ती कराए जायें। उन्होंने सीडीपीओ को निर्देश दिए कि कुपोषित बच्चों को दूध, फल आदि खाने पीने की वस्तुएं समय-समय वितरित करती रहें, जिससे बच्चे कुपोषण मुक्त होकर अपना सामान्य जीवन जी सकें, इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ नेमी चंद्रा, जिला विकास अधिकारी सेवाराम चौधरी एवं जिला कार्यक्रम अधिकारी भोलानाथ गंगावार सहित अन्य जिला स्तरीय अधिकारी मौजूद रहे।
उधर मंगलवार को श्री कृृष्णा इंटर काॅलेज के सभागार में जिलाधिकारी दिनेश कुमार सिंह एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार ने उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद की नकल विहीन परीक्षा कराए जाने पर परीक्षा में लगे स्टैटिक मजिस्ट्रेट, जोनल मजिस्ट्रेट, सेक्टर मजिस्ट्रेट एवं केंद्र व्यवस्थापकों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। डीएम ने कहा कि बड़े हर्ष की बात है कि जनपद में पूरी पारदर्शिता के साथ सभी लोगों ने नकल विहीन परीक्षा संपन्न कराई। उन्होंने कहा कि सभी अध्यापकों से इस वर्ष बोर्ड परीक्षा में फेल हुए बच्चों का हिसाब लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसी तरह से समस्त अधिकारी एवं अध्यापक मिलकर कार्य कर के जनपद में शिक्षा का स्तर बदलना है। शिक्षा का स्तर बदलने में सभी लोगों की सहभागिता होना बहुत जरूरी है तभी, यह कार्य संभव हो सकेगा।
उन्होंने कहा कि शिक्षकों को पढ़ाना पड़ेगा और अब बच्चों को पढ़ना पड़ेगा। मेहनत से पढ़ाई करने से प्रतिभाएं उभरकर सामने आती हैं। उन्होंने कहा कि विद्यालयों में बच्चों की उपस्थिति शत-प्रतिशत होनी चाहिए और जो बच्चा विद्यालय न आए, अध्यापक उसके माता-पिता से संपर्क कर उसके विद्यालय न आने का कारण अवश्य पूछें। अभिभावक एवं बच्चों के बीच अध्यापक अच्छा तालमेल बनाकर रखें। उन्होंने कहा कि पूर्व में पढ़े विद्यार्थियों को विद्यालय में बुलाकर सम्मानित किया जाए, जिससे लोगों का स्कूल से जुड़ाव बना रहे।
एसएसपी ने कहा कि अध्यापक देश का भाग्य विधाता होता है, जीवन में उनका बहुत महत्वपूर्ण रोल है। उन्होंने अध्यापकों से कहा कि बच्चों को बताया जाए कि बिना ड्राइविंग लाइसेंस के वाहन न चलाएं। परीक्षाएं हमेशा नकल विहीन कराई जाएं। इस अवसर अपर जिलाधिकारी प्रशासन अजय कुमार श्रीवास्तव, उप जिलाधिकारी पारसनाथ, जिला विद्यालय निरीक्षक मुन्ने अली एवं बेसिक शिक्षा अधिकारी प्रेमचंद यादव सहित समस्त अध्यापक उपस्थित रहे।
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