बदायूं में भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश पर चलाए जा रहे मतदाता पुनरीक्षण अभियान के अन्तर्गत मतदाता सूची में नाम जोड़े व काटे गए नामों के आवेदनों का मण्डलायुक्त रणवीर प्रसाद ने औचक निरीक्षण किया, जिसमें विभिन्न प्रकार की अनियमितताओं को देख कर उनका पारा चढ़ गया। सोमवार को कलेक्ट्रेट स्थित सभाकक्ष में मंडलायुक्त ने आवेदनों का औचक निरीक्षण करते हुए पाया कि आवेदनों पर नाम काटने व जोड़ने का कोई स्पष्ट कारण ही नहीं लिखा गया है एवं नीचे तहसीलदार सदर आरपी चौधरी के हस्ताक्षर भी है। मंडलायुक्त ने प्रकरण को गम्भीरता से लेते हुए तहसीलदार की जमकर फटकार लगाई और निर्देश दिए कि आवेदनों पर नाम काटने व जोड़ने का कारण स्पष्ट किया जाए, भविष्य में इस प्रकार की अनियमितताओं को किसी भी दशा में क्षम्य नहीं किया जाएगा, साथ ही कठोरतम कार्यवाही भी अमल में लाई जाएगी।
मंडलायुक्त ने बूथवार बीएलओ को भी बुलाकर नाम काटे व जोड़े जाने का कारण पूछा तो, बीएलओ कोई संतोषजनक उत्तर नहीं दे सका। उन्होंने बीएलओ से जानना चाहा कि कोई भी किसी के दवाब में काटा या, जोड़ा तो नहीं गया है तो, सभी ने ऐसा होने से मना किया। उन्होंने बीएलओ और तहसीलदार को निर्देश दिए कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा चलाया जा रहा मतदाता पुनरीक्षण अभियान बहुत ही गंभीर कार्य है, भविष्य में इसमें किसी प्रकार की कोई कमी न मिले। जिलाधिकारी दिनेश कुमार सिंह ने तहसीलदार को दो दिन में त्रुटियाँ दूर करने के निर्देश दिए हैं, इस अवसर पर डिप्टी कमिश्नर किशन त्रिपाठी, अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व महेन्द्र सिंह, अपर जिलाधिकारी प्रशासन रामनिवास शर्मा, उप जिलाधिकारी सदर पारसनाथ एवं सहायक निर्वाचक अधिकारी कृृष्ण कुमार व सुधीर कुमार सहित सम्बंधित अधिकारी मौजूद रहे।
उधर जिलाधिकारी दिनेश कुमार सिंह ने जिलाधिकारी ने विकास खण्ड उझानी के मतदाता पुनरीक्षण केन्द्र सरोरा, मानपुर एवं कछला का औचक निरीक्षण किया। उन्होंने निर्देश दिए कि नाम काटे व जोड़े जाने के आवेदनों का सुपरवाइज़र एवं बीएलओ घर-घर स्वयं सत्यापन करें।
जिलाधिकारी ने प्राथमिक विद्यालय सरौरा का भी औचक निरीक्षण किया। कक्षा एक में 20 पंजीकरण के सापेक्ष 12, दो में 20 के सापेक्ष 12, कक्षा तीन में 18 के सापेक्ष 11, कक्षा चार में 21 के सापेक्ष 11 एवं कक्षा 5 में 24 के सापेक्ष चार बच्चे उपस्थित पाए जाने पर कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए प्रधानाचार्य मुन्नी देवी के वेतन आहरण पर रोक लगा दी है। उन्होंने प्रधानाचार्य को कड़े निर्देश दिये कि बच्चों की उपस्थिति एक सप्ताह के अंदर शत-प्रतिशत पूर्ण होनी चाहिए। डीएम ने कहा कि जो बच्चे विद्यालय नहीं आ रहे हैं, उन्हें घरों से पढ़ने के लिए विद्यालय लाया जाए। उन्होंने कहा कि कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित नहीं रहना चाहिए। अध्यापक घर-घर जाकर बच्चों को स्कूल लायें।
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