बदायूं के डीएम, एसएसपी एवं कोविड-19 के नोडल अधिकारी ने उझानी स्थित एल- 1 का निरीक्षण कर चिकित्सकों से मौजूदा व्यवस्थाओं के बारे में जानकारी ली। पिछले दिनों चिकित्सकों ने डीएम को अवगत कराया था कि कोविड- 19 के मरीजों का इलाज करने के कारण दूध वाले कोरोना के डर से उनके घर पर डिलीवरी नहीं कर रहे हैं, जिसकी वजह से उन्हें समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं। डीएम ने निर्देश दिए थे कि चिकित्सक पीपीई किट पहनकर अपनी सेवाओं को अंजाम दे रहे हैं, इसलिए उनसे किसी को कोई खतरा नहीं है। आम लोगों की तरह उनको भी सभी सेवाएं मिलती रहें। जिसके फल स्वरूप चिकित्सकों ने अब डीएम को अवगत कराया है कि अब उन्हें किसी प्रकार की परेशानी नहीं है, आवश्यक वस्तुओं की होम डिलीवरी हो रही है।
शुक्रवार को उझानी स्थित एल- 1 का जिलाधिकारी कुमार प्रशांत ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार त्रिपाठी, कोविड-19 माॅनीट्रिंग के लिए नामित नोडल अधिकारी ओपी सिंह वर्मा ने निरीक्षण किया। उन्होंने चिकित्सकों से कोविड- 19 के मरीजों व उनको दी जाने वाली सुविधाओं के बारे में विस्तार से जाना। चिकित्सकों ने डीएम को अवगत कराया कि रिकवरी रेट अच्छा है, स्वस्थ्य होने पर लोगों को उनके घर पहुँचाया जा रहा है, सतर्कता बरतते हुए उन्हें होम क्वारंटीन होने की सलाह दी जा रही है।
अफसरों ने नालों में हो रही सफाई व्यवस्थाओं का भी जायजा लिया। अधिशासी अधिकारी ने डीएम को अवगत कराया कि नालों की लगभग सफाई हो चुकी है, शेष गंदगी को भी साफ कराया जा रहा है। डीएम ने ईओ को निर्देश दिए कि बची गंदगी को साथ-साथ उठवाते रहें, जिससे बरसात के दिनों में जलभराव की समस्या उत्पन्न न होने पाए। जिन दुकानदारों ने नाले-नालियाँ पाट ली हैं, वह स्वयं हटवा लें, अवैध अतिक्रमण को किसी भी दशा में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने निर्देश दिए कि मजदूर मास्क लगाकर ही सफाई कार्य करें। आपस में सोशल डिस्टेंस बनाए रखें, काम खत्म करने के बाद अपने हाथों को अच्छी तरह धोकर साफ करें। तीनों वरिष्ठ अधिकारियों ने इस महामारी में कोरोना यौद्धाओं के रूप में कार्य कर रहे चिकित्सकों एवं सफाई कर्मियों को पीपीई किट्स भी भेंट की।
यह भी बता दें कि डीएम-एसएसपी और नोडल अफसर के साथ होने के बावजूद मुख्य चिकित्साधिकारी स्वयं नियमों का पालन करते नहीं दिखे। उन्होंने न सिर्फ मास्क हटा लिया बल्कि, वरिष्ठ अफसरों के सामने मोबाइल पर भी बात करते दिखाई दिए, जिससे आम जनता के बीच गलत संदेश जा सकता है।
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