बदायूं के जिलाधिकारी दिनेश कुमार सिंह ने कहा कि प्रत्येक बच्चा प्रतिदिन विद्यालय पढ़ने अवश्य आए। कक्षा नौ से 12 तक पढ़ाई विद्यार्थी के जीवन में बहुत ही महत्वपूर्ण है। खुले में शौच करने की कुप्रथा को न फैलायें और न ही फैलने दें। हर व्यक्ति का कर्तव्य है कि वह पौधारोपण करे।
शुक्रवार को जिलाधिकारी दिनेश कुमार सिंह ने राजकीय कन्या इंटर कॉलेज में बच्चों को शिक्षा, स्वच्छता एवं पर्यावरण का पाठ पढ़ाया। उन्होंने कहा कि बच्चे मेहनत से इन्हीं 4 कक्षाओं में पढ़ाई कर लें तो, जीवन में उन्हें कोई पछाड़ नहीं सकता है। बच्चे स्वयं पढ़ें तथा दूसरे बच्चों को भी पढ़ायें। इससे उनका पढ़ाई में आत्मविश्वास मजबूत होगा। उन्होंने कहा कि बच्चे को सफलता मिलने पर दो ही व्यक्ति माता-पिता एवं अध्यापक सबसे ज्यादा खुश होते है। सभी बच्चे मेहनत तथा लगन से पढ़ाई कर अपने गांव एवं शहर का नाम रोशन करें।
उन्होंने बच्चों से कहा कि खुले में शौच की कुप्रथा को न फैलाने दें। बच्चे अपने आस-पड़ोस के खुले में शौच को जाने वाले लोगों को समझायें कि खुले में शौच करने से वातावरण दूषित होता है। खुले मे शौच करने से गंदे वायरस वायु के द्वारा शरीर के अंदर प्रवेश कर जाते हैं, जिससे लोग बीमार हो जाते हैं। सभी लोग शौचालय बनाकर उसका प्रयोग अवश्य करें। उन्होंने कहा कि कोई भी खुले में शौच करने जाता है तो, उसे बच्चे बतायें कि खुरपी साथ लेकर जायें और शौच को ढककर ही आयें। सदियों से चली आ रही खुले से शौच की कुप्रथा को जड़ से मिटाना है। उन्होंने कहा कि खुले में शौच जाना देश पर एक कलंक है, इसे सब लोगों को मिलकर दूर करना है।
डीएम ने बच्चों को पौधारोपण के लिए प्रेरित करते हुए कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को पौधे लगाना चाहिए। पेड़ से हमें जीवनदायिनी वायु प्राप्त होती है। पेड़ों से वातावरण शुद्ध होता है और मौसम के बदलाव भी सही समय से होते हैं। सभी बच्चों को ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाने चाहिए, पेड़ों से फल, लकड़ी एवं शुद्ध हवा आदि विभिन्न प्रकार के लाभ प्राप्त होते हैं। पेड़ लोगों को नहीं काटना चाहिए तथा ज्यादा से ज्यादा लगाने चाहिए। जिलाधिकारी ने विद्यालय परिसर में साफ सफाई की व्यवस्था सही ना पाए जाने पर असंतोष व्यक्त करते हुए निर्देश दिए कि विद्यालय प्रांगण साफ एवं सुंदर बनाएं, इस अवसर पर जिला विद्यालय निरीक्षक राम मूरत तथा प्रधानाचार्य कल्पना कुमार सहित अध्यापक मौजूद रहे।
उधर जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत प्रत्येक नोडल अधिकारी 11 बजे के बाद अपने गांव में ही मिले। सभी अधिकारियों की उपस्थिति कंट्रोल रूम दिन में दो बार लेगा। गांव में ओडीएफ में लगे सभी अधिकारी कर्मचारी नोडल अधिकारी को उपस्थित मिले। गांव में पात्र एवं अपात्रों की सूची तैयार की जाए। बिना अनुमति के कोई भी अवकाश नहीं लेगा।
शुक्रवार को कलेक्ट्रेट स्थित सभागार में जिलाधिकारी दिनेश कुमार सिंह ने नोडल अधिकारियों की बैठक लेते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि समस्त नोडल अधिकारी 9 से 11 बजे तक कार्यालय में बैठेंगे, इसके बाद प्रत्येक दशा में नामित गांव में ही मिलना चाहिए। गांव के सभी लोगों की ज्यादा से ज्यादा सहभागिता को शामिल किया करे। निगरानी समिति प्रातः से ही गांव में सक्रिय होकर काम करना प्रारंभ कर दें। उन्होंने समस्त नोडल अधिकारियों को निर्देश दिए कि गांव में बेसलाइन के आधार पर किन लोगों के शौचालय बन गए हैं, किनके नहीं बने तथा बेसलाइन सर्वे में नाम न होने पर पात्र व्यक्ति तथा स्वयं से शौचालय बनाने वाले लोगों की सूची तैयार करें। पात्र लोगों के शौचालय बेसलाइन सर्वे में नाम न होने पर श्रम विभाग में पंजीकरण कराकर मनरेगा द्वारा बनवाए जायें। गांव में लोगों को खुले में शौच से होने वाली घटनाएं एवं बीमारियों के संबंध में समझाकर शौचालय का निर्माण कराएं। शौचालय का निर्माण निर्धारित मानकों के अनुसार ही कराया जाए। गांवों में ट्रिगरिंग प्रारंभ कर दिया जाए। उन्होंने कहा कि सभी लोगों को मेहनत से कार्य करके गांवों को खुले से शौच मुक्त कराना है।
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