बदायूं में जिला पंचायत अध्यक्ष के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव लाने की भारतीय जनता पार्टी को हरी झंडी मिल गई है। भाजपा नेताओं ने रणनीति बनानी शुरू कर दी है, वहीं विरोधी खेमा भारतीय जनता पार्टी के अंदर सेंध लगाने में जुट गया है पर, इस बार किसी ने गद्दारी की तो, भाजपा हाईकमान उसके पर कतरने में देर नहीं लगायेगा।
पढ़ें: स्वामी प्रसाद मौर्य और वीएल वर्मा से फजीहत का बदला चाहते हैं भाजपा कार्यकर्ता
उल्लेखनीय है कि भारतीय जनता पार्टी ने जिला पंचायत अध्यक्ष के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव लाने का प्रयास किया था लेकिन, 24 अगस्त 2017 को धर्मेन्द्र यादव ने आकर भाजपा के सपनों पर पूरी तरह पानी फेर दिया था। अविश्वास प्रस्ताव न आने से भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश स्तर पर बड़ी फजीहत हुई थी। लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की प्रत्याशी संघमित्रा मौर्य चुनाव जीत गईं। विरोधी गुट को अहसास था कि अविश्वास प्रस्ताव की सरगर्मियां शुरू हो सकती हैं, सो तेजी से लगभग 27 करोड़ के टेंडर जारी कर दिए गये, जिसका खुलासा गौतम संदेश ने कर दिया तो, टेंडर निरस्त करा दिए गये।
पूर्व विधायक योगेन्द्र सागर की पत्नी प्रीती सागर जिला पंचायत सदस्य हैं, उनके बेटे कुशाग्र सागर बिसौली विधान सभा क्षेत्र से विधायक हैं। सूत्रों का कहना है कि हाईकमान ने योगेन्द्र सागर को अविश्वास प्रस्ताव लाने की हरी झंडी दे दी है। जिला पंचायत से सर्वाधिक नुकसान योगेन्द्र सागर को ही हुआ है, क्योंकि जिला पंचायत द्वारा सर्वाधिक कार्य बिसौली विधान सभा क्षेत्र में ही कराये गये हैं, इसीलिए लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी को मात्र 5300 वोटों की बढ़त मिली।
जिला पंचायत द्वारा कराये गये विकास कार्य आड़े न आये होते तो, बिसौली विधान सभा क्षेत्र में भाजपा प्रत्याशी को 20 हजार से भी ज्यादा वोटों की बढ़त मिलती। सूत्रों का कहना है कि अविश्वास प्रस्ताव की भनक विरोधी गुट को भी लग गई है। विरोधी गुट भी सक्रिय हो गया है और भाजपा में सेंध लगाने में जुट गया है पर, इस बार जिसने भी गद्दारी की हाईकमान उसके पर कतर देगा।
(गौतम संदेश की खबरों से अपडेट रहने के लिए एंड्राइड एप अपने मोबाईल में इन्स्टॉल कर सकते हैं एवं गौतम संदेश को फेसबुक और ट्वीटर पर भी फ़ॉलो कर सकते हैं, साथ ही वीडियो देखने के लिए गौतम संदेश चैनल को सबस्क्राइब कर सकते हैं)