बदायूं का जिला पुरुष अस्पताल भाजपा नेताओं के कारण ही बर्बादी की ओर बढ़ रहा है। भाजपा नेताओं का संरक्षण पाकर लापरवाह और भ्रष्ट डॉक्टर जनसेवा को महत्व नहीं दे रहे हैं, साथ ही आम जनता के साथ अभद्रता करते नजर आ रहे हैं। आम जनता त्राहि-त्राहि कर रही है। जनसेवा करने के वादे के साथ सत्ता में आये भाजपाई अहंकार के चलते जनता की चीखें सुन नहीं पा रहे हैं।
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भाजपा नेताओं के संरक्षण का सर्वाधिक दुरूपयोग राजेश कुमार वर्मा नाम का डॉक्टर कर रहा है। लेवल- वन का जूनियर डॉक्टर होने के बावजूद नियम के विरुद्ध स्टोर का प्रभारी बना हुआ है, साथ ही सफाई कर्मचारी राजेश कुमार वर्मा के अधीन ही कार्य करते हैं। सूत्रों का कहना है कि सफाई और सर्जिकल का सामान खरीदने और प्रयोग करने का कार्य स्टोर प्रभारी का ही होता है, जिसमें घोटाले होते रहे हैं, इसलिए स्टोर प्रभारी बनने को जोड़-तोड़ होती रहती है।
राजेश कुमार वर्मा इमरजेंसी मेडिकल अफसर है, इसे सिर्फ इमरजेंसी ड्यूटी करने का अधिकार है, साथ ही हर दिन ड्यूटी करनी चाहिए। सूत्रों का कहना है कि भाजपाईयों के संरक्षण के चलते राजेश कुमार वर्मा कई-कई दिनों तक ड्यूटी पर नहीं आता, साथ ही आवास पर निजी प्रैक्टिस करता है। सूत्रों का यह भी कहना है कि राजेश कुमार वर्मा की ड्यूटी का रिकॉर्ड खंगाला जाये तो, यह झगड़े में घायल हुए व्यक्ति की मेडिकल रिपोर्ट में धारा- 325, 326 और 307 अधिकांशतः बनाता है, जिस पर सवाल उठते रहे हैं।
राजेश कुमार वर्मा के भाजपा नेताओं से नजदीकी संबंध होने का खुलासा तब हुआ जब, इसके बेटे के जन्मदिन की पार्टी में जिले भर के वरिष्ठ नेता दिखाई दिए थे। एक निजी होटल में 30 दिसंबर 2017 को दी गई भव्य पार्टी में जिले भर के वरिष्ठ नेता और कई विधायक नजर आये थे, साथ ही उस समय ब्रज क्षेत्र की कमेटी के अध्यक्ष व वर्तमान में प्रांतीय उपाध्यक्ष व दर्जा राज्यमंत्री वीएल वर्मा भी दिखाई दिए थे, इस जन्मदिन पार्टी के बाद स्वास्थ्य विभाग के अफसरों ने राजेश कुमार वर्मा के आगे हथियार डाल दिए थे, फिर राजेश कुमार वर्मा जमकर मनमानी करने लगा।
राजेश कुमार वर्मा की दबंगई बढ़ती चली गई और इस हद तक पहुंच गई कि 9 जनवरी की रात में करीब 9: 30 बजे सम्राट अशोक नगर निवासी मुकेश से भिड़ गया। विवाद के बाद राजेश ने आरोप लगाया कि मुकेश ने उसके गाल पर तमाचा मारा, जिससे बायें कान में तेज दर्द हुआ, इससे सुनने में कठिनाई होने लगी। भाजपा नेताओं के संरक्षण के चलते ही राजेश ने मुकेश के विरुद्ध एकतरफा मुकदमा भी दर्ज करा दिया था।
राजनैतिक हस्तक्षेप के चलते जिला पुरुष अस्पताल का लाभ आम जनता को नहीं मिल पा रहा है। राजनैतिक संरक्षण के चलते कोई सोता रहता है, कोई ड्यूटी ही नहीं करता तो, कोई सिर्फ घोटालों पर ध्यान देता है। सीएमएस यादव हैं और भले व्यक्ति हैं, इससे दोहरा नुकसान हो रहा है, यहाँ तेजतर्रार गैर यादव और गैर जाटव सीएमएस तैनात हो जाये तो, भ्रष्ट और लापरवाहों पर तत्काल अंकुश लग सकता है। सीएमएस डॉ. आरएस यादव के चलते अस्पताल के हालातों में सुधार नहीं हो सकता। हाँ, डीएम स्वयं सीधी नजर रखने लगें तो, हालात सुधर सकते हैं पर, डीएम को पूरा जिला देखना होता है, उनके लिए सिर्फ अस्पताल देख पाना संभव नहीं हो सकेगा।
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डॉक्टर राजेश की तहरीर पर सदर कोतवाली पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर आरोपी मुकेश को गिरफ्तार कर लिया है। घटना चर्चा का विषय बनी हुई है। बता दें कि भाजपा सरकार आने के बाद से राजेश कुमार वर्मा चर्चाओं में हैं, पिछले दिनों एक होटल में पार्टी आयोजित करने को लेकर राजेश कुमार वर्मा राजनैतिक जगत में भी चर्चा का केंद्र बन गये थे।
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