बदायूं जिले में हर विभाग और हर कार्यालय लापरवाही का शिकार है। जिला पुरुष अस्पताल तो वर्षों से कुख्यात है। सरकार, जनप्रतिनिधि और अफसर बदलते रहते हैं लेकिन, अस्पताल के हालातों में सुधार नहीं होता। जिलाधिकारी दिनेश कुमार सिंह को बेहद कर्मठ और जागरूक अफसर माना जाता है पर, जिला अस्पताल में जिलाधिकारी की भी धमक नहीं दिखाई देती।
जिला अस्पताल में लापरवाही बरती जाती है, यह तो सभी को पता है लेकिन, दुखदाई बात यह है कि लापरवाहों के विरुद्ध कोई सुनने और कार्रवाई करने को भी तैयार नहीं है। समय-समय पर साक्ष्य के साथ लापरवाही की घटनायें सार्वजनिक होती रहती हैं लेकिन, विभागीय व प्रशासनिक अफसर घटनाओं को संज्ञान तक में नहीं लेते।
ताजा प्रकरण यह है कि सुबह सात बजे के करीब इमरजेंसी वार्ड में तैनात डॉक्टर गजेन्द्र वर्मा सोते मिले। कई लोगों ने डॉक्टर को आवाज लगाई लेकिन, उनकी कुंभकर्णी नींद नहीं टूटी। बताते हैं कि परेशान मरीजों के तीमारदारों ने डॉक्टर को झकझोर कर उठाया तो, हड़बड़ाते हुए डॉक्टर जाग तो गये लेकिन, देर तक झल्लाते रहे।
डॉ. गजेन्द्र वर्मा की लापरवाही के संबंध में सीएमएस आरएस यादव से जानकारी ली गई तो, वे भी हमेशा की तरह घटना को टालते ही नजर आये। अस्पताल का सही से आम जनता को लाभ मिल सके, इसकी आस अब सिर्फ डीएम से ही है, क्योंकि विभागीय अफसरों का हाल एक सा ही है, सो वे एक-दूसरे को बचाने में ही जुटे रहते हैं।
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