सांसद डॉ. संघमित्रा मौर्य को गंभीरता से न लेने वाला अफसर जिले में रह नहीं पायेगा

सांसद डॉ. संघमित्रा मौर्य को गंभीरता से न लेने वाला अफसर जिले में रह नहीं पायेगा

बदायूं के जिलाधिकारी कुमार प्रशांत प्रशासनिक दृष्टि से कार्य ठीक-ठाक ही कर रहे थे। आम जनता, अधिकारी और कर्मचारी खुश थे, वे शासनादेशों के विपरीत और हट कर भी कई महत्वपूर्ण कार्य करते नजर आ रहे थे, जिससे लोकप्रिय भी होते जा रहे थे लेकिन, राजनैतिक मोर्चे पर मात खा गये। बीती रात कुमार प्रशांत के स्थानांतरण की खबर आई तो, अधिकांश लोग स्तब्ध रह गये, उनकी जगह युवा आईएएस अफसर दीपा रंजन तैनात की गई हैं।

सूत्रों के अनुसार जिलाधिकारी कुमार प्रशांत भारतीय जनता पार्टी के अधिकांश नेताओं को साध चुके थे, वे समाजवादी पार्टी के नेताओं को भी भा गये थे, जिससे वे भाजपा सांसद डॉ. संघमित्रा मौर्य को यथोचित सम्मान देने में चूक गये। सूत्रों के अनुसार 27 फरवरी को आयोजित किये गये मशरूम महोत्सव में सांसद संघमित्रा मौर्य को मुख्य अतिथि बनाना तय हुआ था, जिससे उन्होंने दो दिन क्षेत्र में रहने का कार्यक्रम बना लिया था, इस बीच उद्यान कृषि विपणन एवं कृषि विदेश व्यापार, कृषि निर्यात विभाग के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) का आना तय हो गया तो, उन्हें मशरूम महोत्सव का मुख्य अतिथि बना दिया गया पर, सांसद संघमित्रा मौर्य को जानकारी नहीं दी गई, उन्हें कार्यक्रम का विशिष्ट अतिथि तक नहीं बनाया गया, यही बात सांसद संघमित्रा मौर्य को चुभ गई।

सूत्रों के अनुसार इससे पहले शासकीय योजनाओं के शिलान्यास और उदघाटन के पत्थरों पर भी सांसद संघमित्रा मौर्य का नाम प्रमुखता से नहीं लिखवाया जा रहा था, जिसको लेकर वे न सिर्फ आपत्ति बल्कि, नाराजगी भी जता चुकी थीं, इस सुलग रही आग में मशरूम महोत्सव ने घी का काम कर दिया, इस अपमान को स्वीकार न कर पाना स्वाभाविक ही था, सो उन्होंने शासन स्तर पर विरोध दर्ज करवा दिया, उनके विरोध को शासन स्तर पर गंभीरता से लिया गया और फिर पंचायत चुनाव की गहमा-गहमी होने के बावजूद जिलाधिकारी कुमार प्रशांत का स्थानांतरण कर दिया गया।

यह भी बता दें कि निवर्तमान जिलाधिकारी दिनेश कुमार सिंह भी सांसद संघमित्रा मौर्य को गंभीरता से नहीं ले रहे थे तो, उनके स्थानांतरण का कारण सांसद संघमित्रा मौर्य ही बनी थीं, इसी तरह निवर्तमान वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार त्रिपाठी को हटवाने में भाजपा विधायक राजीव कुमार सिंह “बब्बू भैया” के साथ सांसद संघमित्रा मौर्य का ही हाथ माना जाता है। जिले के शीर्ष अफसरों को लगातार हटवा कर उन्होंने स्पष्ट संदेश देने का प्रयास किया है कि जो भी उन्हें गंभीरता से नहीं लेगा, वह जिले में रह नहीं पायेगा।

यह भी बता दें कि संघमित्रा मौर्य स्वयं भाजपा की सांसद हैं ही, साथ ही उनके पिता स्वामी प्रसाद मौर्य कैबिनेट मंत्री हैं, जिनकी बात सरकार में गंभीरता से सुनी जाती है। हो सकता है कि सरकार में सांसद संघमित्रा मौर्य कमजोर पड़ जायें पर, उनके पिता स्वामी प्रसाद मौर्य की बात सरकार में नहीं टाली जा सकती। माना जाता है कि विशेष परिस्थितियों में वे वीटो पॉवर के रूप में पिता की शक्ति का भी प्रयोग कर लेती हैं।

(गौतम संदेश की खबरों से अपडेट रहने के लिए एंड्राइड एप अपने मोबाईल में इन्स्टॉल कर सकते हैं एवं गौतम संदेश को फेसबुक और ट्वीटर पर भी फ़ॉलो कर सकते हैं, साथ ही वीडियो देखने के लिए गौतम संदेश चैनल को सबस्क्राइब कर सकते हैं)

Leave a Reply