बदायूं स्थित जिला अस्पताल के हालात नहीं सुधर पा रहे हैं। जिलाधिकारी दिनेश कुमार सिंह तेजतर्रार कहे जा रहे हैं लेकिन, उनका भी ध्यान जिला अस्पताल की ओर अपेक्षा के अनुरूप नहीं है। जिला अस्पताल से समाज के सबसे पिछड़े वर्ग का सीधा संबंध रहता है, जिससे गरीब तबके में हाहाकार मचा हुआ है। डॉक्टर और स्टाफ पर लापरवाही के चलते युवक की मौत होने का आरोप लगा है। आक्रोशित भीड़ के दबाव में मृतक का रात में ही पोस्टमार्टम कराने का प्रयास किया जा रहा है।
बताते हैं कि शहर के मोहल्ला कटरा ब्राह्मपुर निवासी इरशाद की सुबह हालात खराब हो गई थी। परिजन इरशाद को जिला अस्पताल लेकर आये तो, सीएमस ने भर्ती कर तत्काल उपचार शुरू कराने की जगह कहा कि जिला अस्पताल में सही उपचार नहीं हो सकेगा, इसलिए वे इरशाद को प्राइवेट अस्पताल में ले जायें। धन के अभाव में परिजन इरशाद को प्राइवेट अस्पताल ले जाने में असमर्थ थे। डॉक्टर ने इरशाद को भर्ती तो कर लिया लेकिन, उपचार पर ध्यान नहीं दिया। परिजनों का आरोप है कि डॉक्टर और स्टाफ की लापरवाही के चलते इरशाद की जान चली गई।
मृतक के भाई इरफान ने बताया कि उसके भाई को साधारण बुखार था लेकिन, डॉक्टर ने उसे जले हुए मरीजों के बीच भर्ती कर दिया और फिर कोई उसे देखने तक नहीं आया। इरफान का कहना है कि दोपहर के समय उसके भाई को सांस लेने में समस्या होने लगी तो, वह डॉक्टर को बुलाने गया लेकिन, डॉक्टर नहीं आये, जिसके बाद वह स्वयं स्ट्रेचर पर डाल कर भाई को इमरजेंसी वार्ड में ले आया तो, डॉक्टर ने कह दिया कि मौत हो चुकी है। इरफान ने बताया कि भर्ती करने के बाद न देखने के कारण ही इरशाद की मौत हुई है।
इरशाद की मौत की खबर मोहल्ले में पहुंची तो, बड़ी संख्या में लोग अस्पताल में जमा हो गये। आक्रोशित भीड़ को सिटी मजिस्ट्रेट और सीओ ने शांत कराया। डीएम ने कैमरे की निगरानी में पैनल से पोस्टमार्टम कराने के निर्देश दे दिए हैं। पोस्टमार्टम कराने की तैयारी चल रही हैं। मृतक के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।
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