बदायूं जिले में स्वास्थ्य विभाग की बर्बादी का एक प्रमुख कारण राजनैतिक संरक्षण भी है। सरकारें और अफसर बदलते रहते हैं पर, स्वास्थ्य विभाग में सुधार नहीं होता। पहले कोई और मनमानी करता था, फिर कोई और करने लगता है। मनमानी बंद नहीं होती। मनमानी करने वाले बदलते रहते हैं। हाल-फिलहाल राजेश वर्मा नाम के डॉक्टर का सिक्का चल रहा है, जिसके आगे नेता और अफसर नतमस्तक नजर आ रहे हैं।
स्वास्थ्य विभाग में मनमानी हर सरकार और हर अफसर के कार्यकाल में होती रही है। डॉक्टर पर लापरवाही के आरोप लगते रहे हैं, भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहे हैं, निजी क्लीनिक चलाने के आरोप लगते रहे हैं लेकिन, यह सब सत्ता के संरक्षण के बावजूद अकर्मण्य और भ्रष्ट डॉक्टर खुलेआम नहीं कर पाते थे। सवाल करने पर खंडन ही करते करते थे मतलब, मनमानी करते थे पर, खुलेआम नहीं। सत्ता और अफसरों का डर उनके अंदर स्पष्ट दिखाई देता था लेकिन, हाल-फिलहाल ऐसा नहीं दिख रहा।
आम जनता को भयमुक्त वातावरण देने के संकल्प के साथ सत्ता में आई भाजपा आम जनता को तो पूरी तरह भयमुक्त वातावरण नहीं दे पा रही है लेकिन, दबंगई और मनमानी करने वाले अधिकारी-कर्मचारी पूरी तरह भयमुक्त नजर आ रहे हैं। जिला अस्पताल में ईएमओ के रूप में तैनात डॉक्टर राजेश वर्मा की हरकतों से लग रहा है कि वे हाल-फिलहाल स्वयं को नियम और कानून से ऊपर समझ रहे हैं, उनके लिए सीएमएस, सीएमओ और डीएम कोई मायने नहीं रखते तभी, एक निजी इंस्टीट्यूट खोल लिया है।
दुस्साहस का आलम यह है कि इंस्टीट्यूट किसी और जिले में नहीं बल्कि, बदायूं शहर के किनारे पर ही खोला है, जिसका जमकर प्रचार-प्रसार किया है। प्रचार सामग्री पर डॉ. राजेश वर्मा का अध्यक्ष के रूप में नाम के साथ फोटो भी लगा है, ऐसा दुस्साहस आज तक किसी सरकार में कोई कर्मचारी-अधिकारी नहीं कर पाया, जिससे हर कोई स्तब्ध नजर आ रहा है। जिसे किसी का भय ही न हो, वह समाज में रहने लायक तक नहीं रहता, ऐसा व्यक्ति सरकारी सेवा में कैसे रह सकता है और सेवा में रहते हुए क्या करता होगा, इसका सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है।
जिलाधिकारी दिनेश कुमार सिंह तेजतर्रार और ईमानदार माने जाते हैं। कहा जाता है कि आम जनता के हित में वे किसी की सिफारिश नहीं मानते, उन्होंने राशन वितरण प्रणाली को पारदर्शी बना कर प्रदेश स्तर तक वाह-वाह लूटी है, शस्त्र लाइसेंस बनाने में भी पारदर्शिता बरतते दिख रहे हैं, ऐसे में आम जनता उनकी ओर इस विश्वास के साथ ही निहारती नजर आ रही है कि वे डॉ. राजेश वर्मा पर भी अंकुश अवश्य लगायेंगे।
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