बदायूं जिले की आम जनता समझ नहीं पा रही है कि पुलिस विभाग में क्या चल रहा है। बिसौली के कोतवाली प्रभारी राजेश कश्यप का सट्टे वाला ऑडियो वायरल होने की और वजीरगंज के एसओ ओमकार सिंह की मनमानी की जाँच एक साथ बैठाई गई थी, लेकिन राजेश कश्यप का प्रकरण अभी तक जाँच में ही फंसा है, वहीं ओमकार सिंह को बहाल कर दिया गया है।
उल्लेखनीय है कि थाना वजीरगंज में दर्ज मुकदमा अपराध संख्या- 1111/17 धारा- 341/323/504/506 आईपीसी को लेकर थाना पुलिस ने उच्चाधिकारियों को बताये बिना बरेली जिले में स्थित थाना अलीगंज क्षेत्र के गाँव खटेटा में दबिश दी थी। पुलिस की मनमानी के चलते गाँव खटेटा के लोग लामबंद हो गये थे और पुलिस को बंधक बना लिया था, इस प्रकरण को शीर्ष अफसरों ने गंभीरता से लिया, जिसके बाद तेजतर्रार एसएसपी ने 17 दिसंबर को थाना अध्यक्ष वजीरगंज ओमकार सिंह, विवेचक लोकेन्द्र पाल सिंह, हेड कांस्टेबिल समय पाल सिंह, कांस्टेबिल मोनू नैन तथा कांस्टेबिल हरगोविन्द तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिये थे। ओमकार सिंह को शनिवार रात में बहाल कर दिया गया है।
उधर 17 दिसंबर को ही बिसौली कोतवाली के प्रभारी राजेश कश्यप और एक दलाल के बीच फोन पर हुई बात का ऑडियो सामने आया था, जिसमें कासिम नाम के सटोरिये की ओर से बात करते हुए दलाल कोतवाल से रिश्वतखोरी की खुल कर बात करता सुनाई दे रहा है। रुपये देने के लिए कोतवाल राजेश कश्यप ने अपने फ़ॉलोअर के दो मोबाईल नंबर भी दलाल को नोट करवाये, साथ ही एक अन्य ऑडियो में राजेश कश्यप दलाल से कह रहे हैं कि वाशिंग मशीन लानी है, जल्दी रूपये दिलाइये, इस सबके बावजूद सनसनीखेज प्रकरण अभी तक जाँच में ही फंसा है।
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