बदायूं जिले में विकास भवन का उद्घाटन राज्यपाल के रूप में मोतीलाल बोरा ने किया था लेकिन, विकास भवन उस समय भी इतना अच्छा नहीं दिखता था, जितना अच्छा आज दिख रहा है। चारों ओर सफाई ही नहीं, बल्कि चमक नजर आ रही है। अंदर भी पूरी तरह व्यवस्थित है, जो सभी को आकर्षित करने को काफी है।
विकास भवन ही नहीं, बल्कि हर सरकारी भवन को व्यवस्थित रखने के लिए धन आरक्षित होता है। धन पहले भी था, सफाई कर्मी पहले भी थे, उनकी निगरानी को अफसर पहले भी थे लेकिन, चारों ओर विकास भवन में गंदगी का ढेर लगा रहता था। सीढ़ियाँ पान मसालों की पीक से लाल ही रहती थीं, दूसरी और तीसरी मंजिल पर जगह-जगह कंडोम भी पड़े रहते थे, शौचालय का आलम यह था कि आम आदमी भी प्रयोग करने से हिचकता था, फर्स में कीमती पत्थर लगा है लेकिन, वह दिखता ही नहीं था, पर अब ऐसा नहीं है।
अब विकास भवन की पहचान बदल गई है, मैदान ऐसे चमक रहा है, जैसे संसद भवन का परिसर रहता है। कूड़ा खोजने पर भी नहीं दिखेगा, इसी तरह अंदर फर्स ऐसे चमक रहा है कि व्यक्ति अपना शीशे की तरह मुंह देख ले। हर कमरे के सामने संबंधित विभाग और अफसर के पदनाम की प्लेट लटक रही है। शौचालय घर से अच्छी स्थिति में नजर आ रहे हैं, यह सब देखने वाले स्तब्ध हैं। बाहरी सफाई पूरी तरह हो गई है, जिसकी हर कोई सराहना करता नजर आ रहा है। अब हर कमरे में सीसीटीवी कैमरे और लग जायें तो, भ्रष्टाचार रूपी गंदगी पर भी अंकुश लग जायेगा।
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