बदायूं स्थित विकास भवन में बहुजन समाज पार्टी के समर्थकों का कब्जा हो गया है। सदर क्षेत्र के भाजपा विधायक महेश चंद्र गुप्ता को प्रोटोकॉल के अंतर्गत सम्मान नहीं मिला तो, उन्होंने मुख्यमंत्री कार्यालय को अवगत करा दिया। विधायक की बात को गंभीरता से लिया गया। सीडीओ को डांटते हुए विधायक का विशेष सम्मान करने को लेकर चेताया भी गया है।
विकास भवन में समाजवादी पार्टी के समर्थकों का कब्जा था। सरकार बदलने के बाद भाजपा विधायक भाजपा समर्थकों को पटल दिलाने में यही सोच कर संकोच करते रहे कि उन पर जाति और धर्मवाद फैलाने का आरोप न लगे लेकिन, भाजपा विधायकों की उदारता का लाभ अंदर ही अंदर बसपाई लेते रहे और अफसर सजातीय बसपा समर्थकों को अपना स्टेनो बनाते रहे। अब हालात यह हैं कि अधिकांश बड़े अफसरों के स्टेनो बसपाई बाबू हैं, जिन्हें कंप्यूटर ऑन और ऑफ करना तक नहीं आता, जबकि आज के समय में बिना कंप्यूटर के स्टेनो का कार्य कर पाना संभव ही नहीं है।
कई बसपाई बाबू तो कुख्यात भी रहे हैं। कार्यालय में शराब पी लेना, सीडीओ से मिलने आने वालों अफसरों से शाम की दावत तय कर लेना एवं एक बाबू तो मोबाइल पर ब्लू फिल्म देखने के लिए कुख्यात है, ऐसे माहौल में सदर विधायक महेश चंद्र गुप्ता को सम्मान नहीं ही मिलना था और उन्हें सम्मान नहीं भी मिला। सामान्यतः संकोची और हर समय खुश रहने वाले विधायक महेश चंद्र गुप्ता विकास भवन के हालातों को सहन नहीं कर पाए।
बताते हैं कि विधायक ने विकास भवन के हालातों से मुख्यमंत्री कार्यालय को अवगत करा दिया तो, उनकी बात को गंभीरता से लिया गया। मुख्यमंत्री कार्यालय से सीडीओ को फोन पर चेताया गया है और विधायक को प्रोटोकॉल के अंतर्गत सम्मान देने का निर्देश दिया गया है। यह भी बता दें कि कचहरी परिसर के हालात भी भाजपाईयों की दृष्टि से बहुत अच्छे नहीं हैं, यहाँ भी विधायकों ने कई बाबुओं को हटाने की सिफारिश जनवरी माह में की थी लेकिन, अभी तक एक भी बाबू को नहीं हटाया गया है। अपने विरुद्ध आई शिकायत बाबुओं को पता चल जाती है, जिसके बाद वे विधायकों को और अधिक चिढ़ाने लगते हैं।
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