बदायूं जिले में भारतीय जनता पार्टी के नेता और विधायक विकास कराने में जुटे हुए हैं। राज्यमंत्री महेश चंद्र गुप्ता, प्रांतीय उपाध्यक्ष व दर्जा राज्यमंत्री वीएल वर्मा और जिलाध्यक्ष हरीश शाक्य इस बात को लेकर ही चिंतित रहते हैं कि किस तरह जिले को हमेशा के लिए भारतीय जनता पार्टी का गढ़ बना लिया जाये, वे सरकार में पहल कर लगातार विकास कार्यों की संस्तुति कराने में जुटे रहते हैं, इस सबके बीच एक नेता अपनी जेब भारी करने में जुटा रहता है, जिसके चलते जमकर फजीहत हो रही है।
जी हाँ, कमीशनखोरी और दबंगई के लिए कुख्यात हो चुके नेता ने उझानी क्षेत्र में अविश्वास प्रस्ताव लाने को मोटी रकम ले ली है। सूत्रों का कहना है कि उझानी के एक नेता से कुख्यात नेता ने अविश्वास प्रस्ताव पास कराने के बदले तीस लाख रूपये तय किये हैं। बताते हैं कि 15 लाख रूपये नेता पर पहुंच गये हैं और शेष 15 लाख रूपये प्रस्ताव पारित होने के बाद दिए जायेंगे। आधे रूपये जेब में आते ही कुख्यात नेता ने सत्ता पक्ष में दबाव बनाना शुरू कर दिया है।
भाजपा का हित है, इसलिए अधिकांश नेता कुख्यात नेता की चाल में फंस गये हैं। भाजपा के नेताओं को 30 लाख रूपये में समझौता होने की भनक तक नहीं लग पाई है। एक-दो नेताओं से इस बारे में जानकारी लेने का प्रयास किया गया तो, नेताओं ने अनिभिज्ञता ही जताई। हालाँकि 30 लाख रूपये तय होने और 15 लाख रूपये जमा हो जाने की बात आम जनता के बीच फैलने लगी है। अब देखना यह है कि भाजपा नेता कुख्यात नेता की चाल में फंस पाते हैं या, नहीं।
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