बदायूं जिले की राशन वितरण प्रणाली को जिलाधिकारी दिनेश कुमार सिंह सुधारने में पहले दिन से ही जुटे हुए हैं। नियमों का कड़ाई से पालन करने के चलते आम जनता को लाभ हुआ है, वहीं कोटेदारों पर भी दबाव कम हुआ है। कोटेदारों के चयन और हटाने में भी कड़ाई बरती जा रही है पर, कुछेक क्षेत्रों में विभागीय अफसर और ग्राम पंचायत के कर्मचारी अभी भी मनमानी करते नजर आ रहे हैं।
प्रकरण कादरचौक विकास क्षेत्र के गाँव सकरी कासिमपुर का है, यहाँ कोटेदार के चयन के लिए 12 नवंबर को विधिवत खुली बैठक बुलाई गई। सक्षम अफसरों और पुलिस की मौजूदगी में बैठक में कोटेदार का चयन किया गया। कोटेदार का पद अनुसूचित जाति महिला वर्ग के लिए आरक्षित था, दो प्रत्याशी मैदान में आये। मिथलेश कुमारी पत्नी राजेन्द्र मोहन को 248 मत मिले, वहीं मधु पत्नी महेंद्र पाल को 223 मत मिले। बैठक की पारदर्शी कार्रवाई से सभी संतुष्ट थे और सभी ने अंत में सहमति भी दी थी।
विजयी प्रत्याशी मिथलेश कुमारी के पक्ष में प्रस्ताव पारित होने के बावजूद उसे अभी तक विभागीय संस्तुति प्रदान नहीं की गई है। मिथलेश कुमारी के बेटे संदीप कुमार का आरोप है कि एडीओ (पंचायत) पचास हजार रूपये मांग रहा है। संदीप ने बैठक की वीडियो रिकॉर्डिंग के साथ डीएम से शिकायत करते हुए मिथलेश कुमारी को नियुक्ति पत्र दिलाने की मांग की है।
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