बदायूं जिले में मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी की भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस नीति का पालन नहीं किया जा रहा है। मुख्यमंत्री चाहते हैं कि ईमानदार और पारदर्शी व्यवस्था हो, जिसमें आम जनता को योजनाओं का सीधा लाभ मिले और विकास कार्यों की गुणवत्ता मानक के अनुरूप हो पर, यहाँ कर्मचारी खुलेआम रिश्वत मांगते हुए दिखाई दे रहे हैं लेकिन, अफसर भ्रष्टचारियों के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं कर रहे, जिससे सरकार की जमकर फजीहत होती दिखाई दे रही है।
ताजा प्रकरण विकास क्षेत्र मुख्यालय कादरचौक का है, यहाँ तैनात एक बाबू क्षेत्र के प्रधानों से डंके की चोट पर न सिर्फ रिश्वत लेता है बल्कि, समय से रिश्वत न पहुंचने पर फोन कर के धमकाता भी है। पिछले दिनों एक भ्रष्ट बाबू का क्षेत्र के एक प्रधान को रिश्वत न पहुँचाने पर धमकाते हुए ऑडियो वायरल हुआ था। ऑडियो वायरल हुए दो सप्ताह बीत चुके हैं। जिले भर में विकास विभाग के साथ सरकार की भी फजीहत हो रही है पर, भ्रष्ट बाबू को निलंबित करना तो दूर की बात है, अफसरों ने जांच तक कराना उचित नहीं समझा, ऐसे में स्पष्ट है कि भ्रष्ट बाबू का मनोबल और बढ़ ही जायेगा, वह क्षेत्र के प्रधानों का और अधिक शोषण करेगा। भ्रष्ट बाबू के विरुद्ध कार्रवाई न होने के कारण प्रधान भी दहशत के चलते रिश्वत देने को मजबूर होंगे।
बताया जाता है कि मुख्य विकास अधिकारी युवा हैं और तेजतर्रार भी हैं, वे भ्रष्टाचार के मुद्दे पर सरकार की नीतियों पर चलने का प्रयास करते हैं लेकिन, भ्रष्ट बाबू के विरुद्ध कार्रवाई न करने से मुख्य विकास अधिकारी की भी छवि खराब हो रही है, साथ ही मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी की जीरो टॉलरेंस नीति पर भ्रष्ट बाबू का जोरदार प्रहार माना जा रहा है, जिससे आम जनता के बीच सरकार की भी छवि खराब हो रही है। आम जनता और क्षेत्र के प्रधानों का मानना है कि विकास कार्य तभी गुणवत्तापरक हो पायेंगे जब ऐसे भ्रष्ट बाबुओं पर शिकंजा कस दिया जायेगा।
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