बदायूं जिले की भारतीय जनता पार्टी में गुटबंदी खत्म हुई तो, जिले की चारों दिशाओं में उत्साहित कार्यकर्ताओं ने भगवा झंडा फहरा दिया। अब फिर एकजुटता में कमी दिखने लगी है। गुरूवार को सांसद संघमित्रा मौर्य ने जिले के प्रमुख नेताओं के बिना ही डीपी यादव के प्रतिनिधि के साथ जाकर डीएम न्यायालय में इस्लामनगर ब्लॉक प्रमुख के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव दायर कराया, जिसकी जिले भर में व्यापक स्तर पर चर्चा की जा रही है।
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इस्लामनगर विकास क्षेत्र में समाजवादी पार्टी का ब्लॉक प्रमुख है लेकिन, यहाँ भारतीय जनता पार्टी की ओर से कोई सशक्त दावेदार नहीं रहा है। पूर्व में सपा और डीपी यादव के समर्थकों के बीच मुकाबला होता रहा है। भाजपा का दावेदार न होने के कारण एक गैर भाजपाई छुटभैया राजनैतिक लाभ लेना चाहता है। छुटभैया किसी रास्ते से भाजपा सांसद संघमित्रा मौर्य का साथ लेने में कामयाब हो गया है। सांसद संघमित्रा मौर्य ने डीएम के न्यायालय जाकर डीपी यादव के प्रतिनिधि के हाथों अविश्वास प्रस्ताव दायर कराया तो, जिले भर के भाजपाई ही स्तब्ध रह गये, क्योंकि भाजपा के प्रांतीय उपाध्यक्ष व दर्जा राज्यमंत्री वीएल वर्मा, नगर विकास राज्यमंत्री महेश चंद्र गुप्ता, क्षेत्रीय विधायक कुशाग्र सागर, पूर्व विधायक योगेन्द्र सागर और भाजपा जिलाध्यक्ष अशोक भारती सहित प्रमुख नेता अविश्वास प्रस्ताव के दौरान नजर नहीं आ रहे थे।
बताते हैं कि डीएम के समक्ष अशोक कुमार, मुन्नी देवी, कमला, लक्ष्मी, पूरनमल, ऋषिपाल, अंकित, सुभाष, सुशीला, विमला, सोहनपाल, चन्द्रपाल, कप्तान सिंह, भाग्यवती, रमाकांत, रामश्री, रामपाल, मुकेश कुमार, प्रेमपाल, रामबेटी, त्रिभुवन शर्मा, वीरवती, अजेंद्र राघव, रोहन, बबली, विजय सिंह, हरशीलन, संजीव, बबली, घासी, भूरी सिंह, अमर सिंह, नत्थू सिंह, मुनेश और अनुपम सिंह ने शपथ दायर किये हैं, जिनकी जाँच की जा रही है। जाँच के बाद अनुमोदन की तिथि तय की जायेगी।
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