बदायूं जिले के कछला में हाल ही में 22 गाय और बछिया की लापरवाही के चलते जान चली गई थी, जिससे प्रशासन की प्रदेश स्तर तक बड़ी फजीहत हुई थी। बड़ी संख्या में गायों की जान जाने के बावजूद प्रशासनिक अफसरों में कोई सुधार नजर नहीं आ रहा है। जिले में अभी भी गाय न सिर्फ भूख से तड़प रही हैं बल्कि, घायल गायों का उपचार करने वाला भी कोई नजर नहीं आ रहा है।
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ताजा प्रकरण दहगवां विकास क्षेत्र के गाँव ढेल का है, यहाँ एक बछिया का किसी तरह पैर कट गया है। कटा हुआ पैर लटका कर बछिया घूमती देखी जा सकती है। घायल बछिया का दर्द महसूस कर लोगों के आँखों में आंसू भर आते हैं। बछिया को तत्काल उपचार नहीं मिला तो, वह शीघ्र ही तड़पते हुए दम तोड़ सकती है लेकिन, यह सब पशु चिकित्सा विभाग और प्रशासन के अफसरों को नहीं दिख रहा है।
बताते हैं कि स्थानीय नागरिकों ने पशु चिकित्सा विभाग के डॉक्टर को घायल बछिया के बारे में जानकारी देते हुए उपचार करने का आग्रह किया तो, डॉक्टर ने फोन करने वाले को उल्टा जवाब देते हुए फोन काट दिया। डॉक्टर के दुर्व्यवहार से लोग आहत हैं और बछिया का उपचार न होने से आक्रोशित नजर आ रहे हैं। तमाम लोगों ने डीएम से घायल बछिया का त्वरित उपचार कराने और संबंधित डॉक्टर के विरुद्ध कार्रवाई कराने की मांग की है।
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यहाँ यह भी बता दें कि प्रशासन का दावा है कि जिले भर में गोशाला खुल गई हैं, जिनमें घुमंतू गायों की सेवा की जा रही है। दावा यह भी है कि गायों को किसी भी तरह की समस्या नहीं होने दी जा रही है, साथ ही सड़कों पर गाय नहीं घूम रही है, जबकि जमीनी हकीकत बिल्कुल अलग है। गोशालाओं के नाम पर संबंध लोग सिर्फ घोटाले कर रहे हैं।
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