बदायूं जिले में राजनीति का रंग तेजी से बदल रहा है। प्रांतीय और राष्ट्रीय स्तर पर हो रहे घटनाक्रमों का जिले की राजनीति पर भी असर हो रहा है, साथ ही जिले में हो रहे घटनाक्रमों से भी लगातार हालात बदल रहे हैं। जिले में यह बात फैल गई है कि भारतीय जनता पार्टी जीतने लायक विधान सभा क्षेत्र से शक्तिशाली ब्राह्मण प्रत्याशी नहीं उतार रही है, जिससे ब्राह्मण समाज में आक्रोश पनपने लगा है।
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भारतीय जनता पार्टी ने पिछली बार जातिगत संतुलन बनाते हुए प्रत्याशी उतारे थे। जिले के ब्राह्मणों को साधने के उद्देश्य से भाजपा ने बिल्सी विधान सभा क्षेत्र से आरके शर्मा को प्रत्याशी बनाया था। जिले भर के ब्राह्मण आरके शर्मा को प्रत्याशी बनाने से खुश हो गये थे लेकिन, पिछले दिनों आरके शर्मा भाजपा को धोखा देकर समाजवादी पार्टी की गोद में बैठ गये, इस सबसे ब्राह्मण समाज के लोग स्तब्ध रह गये और पुनः समाज को समर्पित व्यक्ति को प्रत्याशी बनाने की आशा करने लगे। ब्राह्मण समाज के सर्वाधिक मतदाता बिसौली विधान सभा क्षेत्र में है लेकिन, बिसौली विधान सभा क्षेत्र सुरक्षित है, इसके बाद सर्वाधिक मतदाता दातागंज विधान सभा क्षेत्र में बताये जाते हैं, यहाँ ब्राह्मण समाज के प्रत्याशी ने लंबे समय तक प्रतिनिधित्व किया है।
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दातागंज विधान सभा क्षेत्र से संतोष कुमारी पाठक चार बार विधायक रही हैं, उनके पिता भी विधायक रहे हैं, अब उनके बेटे डॉ. शैलेश पाठक भाजपा में सर्वाधिक मजबूर दावेदार बताये जा रहे हैं लेकिन, जिले में यह खबर फैल गई है कि भाजपा ब्राह्मण समाज को खुश करने के लिए सहसवान क्षेत्र में प्रत्याशी उतारना चाह रही है, जहाँ से ब्राह्मण समाज के प्रत्याशी को सम्माजनक वोट भी नहीं मिलेंगे, इसलिए ब्राह्मण समाज के लोग सोशल साइट्स पर खुल कर आक्रोश व्यक्त करने लगे हैं।
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फेसबुक पर तमाम पोस्ट दिखाई दे रही हैं, जिनमें ब्राह्मण समाज के शक्तिशाली व्यक्ति को टिकट देने की मांग की जा रही है, इसी तरह वाट्सएप पर जमकर आग उगली जा रही है। ब्राह्मण समाज के लोगों का कहना है कि सहसवान जैसे क्षेत्र से ब्राह्मण समाज को टिकट देकर भाजपा ब्राह्मण समाज को नेतृत्व विहीन करना चाहती है, अब देखना यह है कि सोशल साइट्स पर आये भूचाल को भाजपा नेतृत्व महसूस कर पायेगा या, नहीं?
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