बदायूं जिले में चुनावी वातावरण बनने लगा है। प्रत्याशियों को लेकर राजनैतिक दलों को होने वाले हानि-लाभ की चर्चायें होने लगी हैं, इस क्रम में सर्वाधिक लोकप्रिय डॉ. शैलेश पाठक दिखाई दे रहे हैं, उनके समर्थकों में अद्भुत उत्साह दिखाई दे रहा है। माना जा रहा है कि डॉ. शैलेश पाठक को टिकट मिलने पर संबंधित पार्टी को जिले भर में बड़ा लाभ मिल सकता है।
कोरोना माहमारी के बीच चुनाव की तैयारी कर रहे हैं सपा और महान दल
जिले के बड़े ब्राह्मण चेहरा माने जाते हैं डॉ. शैलेश पाठक, उनका प्रभाव जिले भर में माना जाता है लेकिन, दातागंज विधान सभा क्षेत्र में उनके 30-40 हजार निजी समर्थक माने जाते हैं, वे जिस दल में जाते हैं, उस दल का टैंपो हाई कर देते हैं। हाल-फिलहाल वे क्षेत्र में कड़ी मेहनत करते दिखाई दे रहे हैं। कोरोना काल में उन्होंने गरीबों की मदद का ऐसा अभियान चलाया कि सत्ता पक्ष के नेता भी स्तब्ध दिखाई दे रहे थे। उन्होंने हजारों लोगों के घर राशन और दवा पहुंचा कर आम जनता का दिल जीत लिया, इसके अलावा वे ब्राह्मण सम्मेलन भी आयोजित कर रहे हैं, जिसमें समाज के लोगों की अपार भीड़ उमड़ती दिखाई दे रही है। माना जा रहा है कि डॉ. शैलेश पाठक को जिस दल से टिकट मिलेगा, उस दल का दब-दबा जिले भर में हो जायेगा।
जिले के साथ दातागंज विधान सभा क्षेत्र में डॉ. शैलेश पाठक निजी तौर पर कड़ी मेहनत कर रहे हैं, उन्होंने अभी तक किसी दल की सदस्यता ग्रहण नहीं की है लेकिन, उनकी नजदीकियां समाजवादी पार्टी से मानी जा रही हैं। जिले भर में यह बात फैल गई है कि डॉ. शैलेश पाठक दिसंबर माह में राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के हाथों से रथ यात्रा के दौरान समाजवादी पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर सकते हैं। समर्थकों का दावा है कि दातागंज विधान सभा क्षेत्र से समाजवादी पार्टी के टिकट पर डॉ. शैलेश पाठक ही चुनाव लड़ेंगे। हालाँकि इस संबंध में अभी तक समाजवादी पार्टी और डॉ. शैलेश पाठक की ओर से अभी तक कोई बयान नहीं आया है लेकिन, जो बात आम जनता के बीच फैल जाती है, उसमें बयान न आने के बावजूद सत्य मानते हुए आम जनता रूचि लेने लगती है।
अब जिले के हालात ऐसे दिखाई दे रहे हैं कि डॉ. शैलेश पाठक को टिकट मिल गया तो, जिले भर के विधान सभा क्षेत्रों में समाजवादी पार्टी को बड़ा लाभ मिल सकता है और अगर, टिकट नहीं मिला तो, जिले भर में समाजवादी पार्टी को नुकसान भी हो सकता है। समाजवादी पार्टी के पास जिले में कोई बड़ा ब्राह्मण चेहरा नहीं है। राजेन्द्र पाठक थे लेकिन, समाजवादी पार्टी उनका भी सम्मान नहीं कर पाई, वे अब भाजपा में हैं, ऐसे में समाजवादी पार्टी को जिले में एक बड़े ब्राह्मण चेहरे की आवश्यकता है, इसलिए डॉ. शैलेश पाठक समाजवादी पार्टी के लिए जिले में बूस्टर का काम कर सकते हैं, वहीं ब्राह्मणों के समर्थन को तरस रही समाजवादी पार्टी को डॉ. शैलेश पाठक की बेरुखी भारी पड़ सकती है।
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