बदायूं जिले के सिविल लाइन थाना क्षेत्र में स्थित गाँव रसूलपुर बिलहरी में फैक्ट्री व पटाखे की दुकान में शुक्रवार को आग लगने से आठ लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी एवं छः लोग घायल हो गये थे। एक युवक की हालत गंभीर होने पर बरेली रेफर कर दिया गया था। शक्तिशाली धमाका था, इसलिए जाँच के लिए आतंकवाद निरोधी दस्ता (एटीएस) को भी बुलाया गया था। एटीएस ने पहुंच कर रात में ही जांच शुरू कर दी।
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एटीएस ने रात आते ही घटना स्थल का मुआयना किया, जिसके बाद एटीएस एक निजी होटल में ठहर गई। सुबह होते ही एटीएस ने पुनः मौका देखा और विभिन्न दृष्ठिकोंण से निरीक्षण किया। एटीएस के इंस्पेक्टर मंजीत सिंह ने बताया कि प्रथम दृष्टया पता चला है कि पटाखे बनाने वाले बीड़ी पीते थे, जिससे संभावना यही है कि बीड़ी से ही आग लग गई होगी। एटीएस का बयान हास्यास्पद लग रहा है, क्योंकि ऐसे कयास तो अनपढ़ वर्ग भी लगा रहा है।
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सवाल यह नहीं है कि आग कैसे लगी, सवाल यह है कि धमाका इतना बड़ा कैसे हुआ? सामान्य बारूद थी अथवा, कुछ ऐसा था, जो नहीं होना चाहिए था, साथ ही एक सवाल यह भी है कि वहां बारूद मानक से अधिक था या, नहीं?, ऐसे सवालों के जवाब एटीएस को देने थे पर, एटीएस ने बीड़ी से आग लगने की खोज कर स्वयं की ही फजीहत करा ली। यह भी बता दें कि मृतकों के बीती रात ही पोस्टमार्टम हो गये, जिनकी अंत्येष्टि करने की तैयारी चल रही है।
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