बदायूं जिले में भ्रष्टाचार के चलते आम जनता त्राहि-त्राहि करती रही है। चूंकि थाना प्रभारी टेंडर निकाल कर बनाये जाते रहे हैं। जो बड़ी बोली लगाता था, उसे जिले में थाना प्रभारी बनाने की परंपरा रही है, इसलिए आम जनता की शिकायतों पर कोई अफसर ध्यान तक नहीं देता था। जिले में कानून व्यवस्था की स्थिति सुधारने और आम जनता के बीच पुलिस की छवि सुधारने के लिए नये कप्तान संकल्प शर्मा को नई टीम ही बनाना होगी।
बदायूं जिले का यह दुर्भाग्य ही कहा जायेगा कि यहाँ डीएम और एसएसपी जैसे बड़े दायित्व अधिकांश समय प्रमोटिड अफसरों के चंगुल में ही रहे हैं, जो आम जनता के हित की जगह स्वयं के हित के बारे में ज्यादा सोचते थे, इसीलिए जिले के माथे पर लगा पिछड़ेपन का कलंक छुट नहीं पा रहा है। डीएम के पद पर आईएएस कुमार प्रशांत आये तो, सुधार की उम्मीद जगी पर, पुलिस व्यवस्था सही नहीं होने के कारण उनके आदेश-निर्देश भी प्रभावी ढंग से लागू नहीं हो पा रहे थे।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के पद पर आईपीएस संकल्प शर्मा आये तो, तय हो गया कि अब जिले के हालात सुधर जायेंगे। आईएएस और आईपीएस अफसरों के होने का असर अब स्पष्ट दिखने भी लगा है। दो दिन पहले डीएम कुमार प्रशांत के निर्देश पर सहसवान में अवैध खनन के प्रकरण में बड़ी कार्रवाई की गई। हालाँकि स्थानीय भ्रष्ट अफसरों ने मिलीभगत के चलते माफियों को साफ बचा दिया। बीती रात उघैती क्षेत्र में डीएम कुमार प्रशांत के निर्देश पर बिल्सी के एसडीएम और सीओ ने अवैध खनन करते हुए जेसीबी एवं ट्रैक्टर-ट्रॉली जब्त कर लिए। उघैती के थाना प्रभारी राकेश कुमार सिंह चौहान का अनैतिक बातें करते हुए वीडियो वायरल हुआ तो, उन्हें एसएसपी संकल्प शर्मा ने तत्काल निलंबित कर दिया, इससे पहले वे थाना वजीरगंज के सिपाही और कछला चौकी के सिपाहियों पर कार्रवाई करा चुके हैं।
जिले भर में ऐसे ही लापरवाह और भ्रष्ट भरे हुए हैं, जो आम जनता की सेवा करने की जगह उसका शोषण कर रहे हैं, इनका आम जनता की सेवा करने का स्वभाव ही नहीं है, ऐसे में इस टीम के साथ जिले की कानून व्यवस्था सुधर पाना बेहद कठिन साबित होगा। भ्रष्टाचार इस हद तक हावी रहा है कि सिपाहियों तक की पोस्टिंग पैसे लेकर की जाती रही है। एक थाना क्षेत्र में टोटल स्टाफ की तुलना में 80% स्टाफ एक ही जाति का है, जो जमकर मनमानी करता है। हालाँकि कुछेक थाना प्रभारी तेजतर्रार और ईमानदार भी हैं लेकिन, भ्रष्ट और लापरवाह किस्म के प्रभारियों को चिन्हित कर हटाना होगा, उनकी जगह अन्य ब्रांचों में तैनात तेजतर्रार इंस्पेक्टरों को कार्यभार देना होगा तभी, जिले के हालात सुधर पायेंगे।
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