बदायूं में लेखपालों पर काम और कार्रवाई का दबाव बढ़ा तो, लेखपाल एकजुट होकर हड़ताल पर चले गये। प्रशासन के विरुद्ध मोर्चा खोल दिया लेकिन, कुछेक लेखपाल व्यवस्था में कलंक की तरह हैं, जो रिश्वत के बिना कुछ करते ही नहीं हैं, ऐसे भ्रष्ट लेखपालों के विरुद्ध मिलीभगत के चलते प्रशासनिक अफसर भी कार्रवाई नहीं करते और जनता भी हड़ताल पर नहीं जा सकती।
प्रकरण सदर कोतवाली क्षेत्र का है, यहाँ तैनात लेखपाल केसरी लाल की छवि बेहद खराब बताई जाती है, यह व्यक्ति बिना रिश्वत के कुछ करता ही नहीं है। सरकार ई-गवर्नेंस को बढ़ावा देकर व्यवस्था को भ्रष्टाचार मुक्त कराना चाहता हैं। आम जनता को कार्यालयों के चक्कर न लगाने पड़ें, इस दिशा में सरकार निरंतर कार्य कर रही है। सरकार आम जनता को सहूलियत देना चाहती है लेकिन, केसरी लाल जैसे भ्रष्ट कर्मचारी पूरे सिस्टम को खराब करने में जुटे हुए हैं। जाति प्रमाण पत्र और मूल निवास का आवेदन ऑन लाइन किया जाता है, प्रमाण पत्र बनने के बाद ऑन लाइन ही जारी कर दिए जाते हैं, ऐसे प्रमाण पत्रों के लिए आवेदक को किसी से मिलने की जरूरत नहीं है लेकिन, केसरी लाल जैसे भ्रष्ट लेखपाल आवेदन को निरस्त कर देते हैं तो, आवेदक मजबूर होकर मिलता है और फिर रिश्वत भी देता है।
जाति प्रमाण पत्र बनाने के नाम पर एक ग्रामीण से भ्रष्ट लेखपाल केसरी लाल ने दो हजार रूपये मांगे। पीड़ित ने रूपये कम करने को कहा तो, केसरी ने ऐसे मना कर दिया, जैसे उनके पिता की रकम है और एक रुपया कम न करना उनका अधिकार है। पीड़ित ने दो दिन बाद देने को कहा, इस पर भ्रष्ट केसरी ने मना कर दिया। पीड़ित ने हजार रूपये तत्काल दिए और हजार रूपये दो दिन बाद देने को कहा तो, भ्रष्ट केसरी मान गया लेकिन, पीड़ित भी जागरूक था, उसने रिश्वत देने का पूरा वीडियो बना लिया और शिकायत भी कर दी लेकिन, मिलीभगत के चलते अफसरों ने कोई कार्रवाई नहीं की है और न ही भ्रष्ट केसरी अपने कुकर्म पर शर्मिंदा है, वह आज भी शान से घूम रहा है, कोई शर्मदार आदमी होता तो, तत्काल लोगों को मुंह दिखाने से और नजरें मिलाने से बचता।
सूत्रों का कहना है कि भ्रष्टाचार की जड़ें भू-लेख कार्यालय तक हैं, रिश्वतखोरी का सिलसिला भू-लेख कार्यालय से ही चलता है, यहाँ बीस हजार रूपये देकर कभी भी कोई भी अपना तबादला कहीं से कहीं को करा सकता है, उन्हीं में से एक भ्रष्ट केसरी है, यह सहसवान तहसील से सदर में डकैती डालने को पूरे इरादे से आया है, इसी तरह सदर क्षेत्र में और भी कई भ्रष्ट लेखपाल आ गये हैं, जो आम जनता को लूट कर माफियाओं को लाभ पहुंचा रहे हैं।
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