बदायूं के जिलाधिकारी कुमार प्रशांत जिस प्रकार कार्य योजना बनवा कर जुटे हुए हैं, उसके अनुसार ही सब कुछ हुआ तो, निश्चित ही कुमार प्रशांत का नाम इतिहास में दर्ज हो जायेगा। आपदा को अवसर में बदलते हुए जिलाधिकारी कुमार प्रशांत मर चुकी नदियों को पुनर्जीवित करने में जुटे हुए नजर आ रहे हैं।
सरकार प्रवासी मजदूरों को काम देने का प्रयास कर रही है एवं बारिश के मौसम को देखते हुए प्रशासन को बाढ़ से बचाव का भी निर्देश दे चुकी है, इन दोनों शासनादेशों के अनुरूप जिलाधिकारी कुमार प्रशांत अपनी सूझ-बूझ से जनपद की मृत नदियों को पुनर्जीवित करने में जुट गये हैं। कोरोना वायरस के चलते शहरों से आये प्रवासी मजदूरों को मनरेगा के अंतर्गत काम दे रहे हैं, वहीं पानी की निकासी के लिए नदियों की खुदाई करा रहे हैं।
जिलाधिकारी कुमार प्रशांत ने सोत और भैंसोर नदी के बारे में जानकारी जुटाई और इन मृत नदियों के किनारे बसी ग्राम पंचायतों की सूची तैयार कराई। जिलाधिकारी कुमार प्रशांत का कहना है कि भैंसोर नदी के किनारे 45 ग्राम पंचायतें हैं, 30 ग्राम पंचायतों के क्षेत्र में नदी की खुदाई कराई जा रही है, इसी तरह सोत नदी के किनारे 85 ग्राम पंचायतें हैं, इनमें कार्य योजना तैयार करा कर युद्ध स्तर पर कार्य शुरू कराया जाने वाला है।
जिलाधिकारी कुमार प्रशांत जिस प्रकार सोच रहे हैं, उस प्रकार ही वे जमीनी स्तर पर कार्य करा पाने में सफल हो गये तो, निश्चित ही उनका नाम इतिहास में दर्ज हो जायेगा, क्योंकि यहाँ आने वाले अफसर सरकार की दृष्टि में अच्छे बनने का प्रयास करते रहे हैं लेकिन, जमीनी स्तर पर कुछ नहीं करते, इसीलिए बदायूं पिछड़ेपन की सूची से बाहर नहीं निकल पा रहा है। कुमार प्रशांत जमीनी स्तर पर कार्य कर जनपद को स्वर्णिम काल में ले जाना चाहते हैं, एक समय जनपद में नदियाँ बहती थीं और चारों ओर हरियाली थी, इसी तरह वे पौधारोपण अभियान पर भी विशेष ध्यान दे दें तो, इसी वर्ष बदायूं का जलस्तर बढ़ जायेगा, साथ ही हरा-भरा भी दिखने लगेगा।
यह भी बता दें कि बदायूं में कार्यरत डीएम कुमार प्रशांत आईएएस अफसर हैं, वहीं मुख्य विकास अधिकारी निशा अनंत भी आईएएस अफसर हैं, ऐसा संयोग बहुत कम होता है। जमीनी स्तर पर होने वाले विकास कार्यों में मुख्य विकास अधिकारी की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। कुमार प्रशांत की तरह ही निशा अनंत भी जुट जायें तो, जिले की तकदीर और तस्वीर बदल सकती है।
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