बदायूं जिले में लॉक डाउन के चलते गरीब तबके का चूल्हा बुझ सकता है, इसकी चिंता पूर्व दर्जा राज्यमंत्री आबिद रजा को सताने लगी है। तमाम लोग मदद करना चाहते हैं लेकिन, लॉक डाउन के चलते संभव नहीं है, इसलिए आबिद रजा ने जिला मजिस्ट्रेट को पत्र लिख कर स्थानीय स्तर पर राहत कोष स्थापित करने का आग्रह किया है।
जिला मजिस्ट्रेट को लिखे पत्र में आबिद रजा ने कहा है कि बदायूं पिछड़ा जिला है, यहाँ हर दिन मेहनत कर परिवार का भरण-पोषण करने वालों की संख्या अधिक है। 21 दिन के लॉक डाउन के चलते ठेले और रिक्शे वालों के साथ प्रतिदिन मजदूरी कर घर चलाने वालों का चूल्हा बुझ सकता है। उनका कहना है कि संपन्न वर्ग आर्थिक मदद करना चाहता है लेकिन, लॉक डाउन के कारण सीधे मदद कर पाना संभव नहीं है, साथ ही यह भी चिंता रहती है कि रुपया सही हाथों में पहुंचे ताकि, जरूरतमंदों की मदद हो सके।
आबिद रजा ने सुझाव दिया है कि स्थानीय स्तर पर राहत कोष की स्थापना कर दी जाये, जिसमें संपन्न लोग आसानी से चैक व कैश के माध्यम से दान दे सकें, साथ ही प्रशासन की ओर से खाने के पैकेट बनवाने और बंटवाने की व्यवस्था कर दी जाये। पैकेट का मूल्य मोबाइल नंबर के साथ सार्वजनिक कर दिया तो, खाने के पैकेट बंटवाने में संपन्न लोग बढ़-चढ़ कर मदद करेंगे।
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