बदायूं लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस के प्रत्याशी सलीम इकबाल शेरवानी का नारा आबिद रजा के साथ आते ही बुलंद हो गया है। सलीम इकबाल शेरवानी की भाषा और व्यवहार सबको पसंद है लेकिन, अभी तक उनके कार्यालय पर और नुक्कड़ सभाओं में अपेक्षाकृत भीड़ नहीं जुट पा रही थी पर, आबिद रजा के आते ही उनका चुनाव कार्यालय भी आबाद नजर आ रहा है।
पढ़ें: आबिद रजा का कद और बढ़ा, कांग्रेस के प्रांतीय उपाध्यक्ष व प्रवक्ता बने
समाजवादी पार्टी में प्रतिभा दबाने की अनुभूति होते ही आबिद रजा कांग्रेस में चले गये, उनकी ताकत को कांग्रेस ने न सिर्फ पहचाना है बल्कि, उनकी ताकत का सदुपयोग करने के उद्देश्य से प्रदेश उपाध्यक्ष, प्रवक्ता और चुनाव में स्टार प्रचारक जैसे अहम दायित्व भी दिए हैं। कांग्रेस में शामिल होने की भनक उनके समर्थकों को जैसे ही लगी, वैसे ही समर्थकों के साथ कांग्रेस कार्यकर्ता भी झूम उठे।
बुधवार सुबह ही आबिद रजा के आवास पर जिले भर से सैकड़ों लोग आ गये, जहाँ आबिद रजा ने सलीम इकबाल शेरवानी को सम्मान सहित बुलाया और उन्हें अपने समर्थकों से मिलवाया। समर्थकों ने आबिद रजा के साथ सलीम इकबाल शेरवानी की जमकर जय-जयकार की, इस दौरान नव-नियुक्त आबिद रजा को फूल-मालायें पहना कर सम्मानित भी किया गया।
सलीम इकबाल शेरवानी ने शालीन तरीके से देश और समाज के उत्थान व विकास के लिए कांग्रेस का समर्थन करने का आह्वान किया लेकिन, आबिद रजा ने अपने लुभावने अंदाज में गाय, गंगा और शहर के लुटरों के तमाम उदाहरण पेश किये, हिंदुओं और मुसलमानों को आपस में भिड़ा कर कुर्सी सुरक्षित रखने के षड्यंत्रों का खुलासा किया, उनका तर्क पूर्ण भाषण उपस्थित लोगों को उत्साहित करने को काफी था।
पढ़ें: प्रियंका गांधी से आबिद रजा की मुलाकात होते ही राजनीति में आया भूचाल
सलीम इकबाल शेरवानी के चुनाव कार्यालय पर आबिद रजा ने देर रात पत्रकारों से भी वार्ता की, इस दौरान उन्होंने कहा पांच साल बदायूं को ईस्ट इंडिया कंपनी की तरह लूटा गया, उन्होंने कहा कि अंडर ग्राउंड लाइन पर जवाब नहीं मिला, मुसलमानों को अपशब्द कहने पर जवाब नहीं दिया, इसलिए समझौता टूट गया एवं आत्मा की बात मान कर सपा छोड़ दी, साथ ही गठबंधन पर मुस्लिम नेता को साथ न लेने का आरोप लगाया, वे आजम खान के विरुद्ध चुनाव प्रचार करने के सवाल पर उलझते नजर आये पर, सलीम इकबाल शेरवानी ने बात संभाल ली और कहा कि उनके विरूद्ध चुनाव प्रचार करने वे भी नहीं जायेंगे, राजनीति में भी निजी संबंध होते हैं।
सलीम इकबाल शेरवानी ने कहा कि वे चाहते थे कि आबिद रजा की प्रतिभा और ताकत का सदुपयोग कांग्रेस को मिले, इसलिए उन्होंने पहल की। आबिद रजा में चुनाव परिणाम बदलने की ताकत है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की पोजीशन बहुत ही तगड़ी हुई है। उन्होंने कहा कि उनकी समझ में नहीं आता कि सियासत में नफरत में क्यों हो जाती है।
(गौतम संदेश की खबरों से अपडेट रहने के लिए एंड्राइड एप अपने मोबाईल में इन्स्टॉल कर सकते हैं एवं गौतम संदेश को फेसबुक और ट्वीटर पर भी फ़ॉलो कर सकते हैं, साथ ही वीडियो देखने के लिए गौतम संदेश चैनल को सबस्क्राइब कर सकते हैं)