बदायूं जिले के नोडल अफसर और मंडलायुक्त रणवीर प्रसाद के आने से जिले भर में हड़कंप मचा रहा। चाय, नाश्ता, फल और चापलूसी को दरकिनार करते हुए मंडलायुक्त ने लापरवाहों को कड़ी चेतावनी दी। अफसरों ने उझानी के सीएचसी के एमओआईसी डॉ. महेश प्रताप सिंह की हरकतों को छुपा लिया वरना, बदतमीज डॉ. महेश प्रताप सिंह पर कार्रवाई नहीं हो पाई।
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मंडलायुक्त रणवीर प्रसाद ने जिला महिला चिकित्सालय का निरीक्षण किया, यहाँ चाय-नाश्ता से मंडलायुक्त को खुश करने की योजना थी लेकिन, उन्होंने स्टोर कीपर अशरफ को निशाने पर ले लिया और पत्रावलियों के रख-रखाव को लेकर पूछे गये प्रश्नों का कोई भी संतोषजनक उत्तर न दे पाने पर उन्होंने स्टोर कीपर की फटकार लगाते हुए कड़ी चेतावनी दी कि व्यवस्थाओं को ठीक करो तभी, अपनी नौकरी बचा पाओगे। प्रत्येक विषय की एक अलग फाइल बनाई जाए।
बुधवार को कलेक्ट्रेट में मंडलायुक्त रणवीर प्रसाद के पहुँचने पर जिलाधिकारी कुमार प्रशांत, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार त्रिपाठी एवं मुख्य विकास अधिकारी निशा अनंत ने फूल देकर स्वागत किया। मंडलायुक्त को गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया गया, इसके बाद उन्होंने जिला महिला चिकित्सालय पहुँचकर निरीक्षण किया एवं व्यवस्थाओं का जायजा लिया। सफाई व्यवस्था ठीक मिलने पर प्रसन्नता व्यक्त की है। केएमसी, डिस्पेंसरी तथा विभिन्न वार्डां का निरीक्षण किया। ओपीडी में लगी लम्बी कतारों को देखकर उन्होंने निर्देश दिए कि कतारों को व्यवस्थित करने के साथ ही यह भी ध्यान रखा जाए कि मरीज या तीमारदार को अस्पताल में किसी प्रकार की असुविधा न होने पाए।
शौचालय की व्यवस्था खराब पाए जाने पर उन्होंने कार्यदायी संस्था राजकीय निर्माण निगम को एक सप्ताह के भीतर खराब शौचालयों का पुनः निर्माण कर व्यवस्थाओं को दुरुस्त कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि तीन दिनों के लिए लेवर रूम को कहीं और शिफ्ट कर दिया जाए। आशाओं ने शिकायत की है कि हॉस्पिटल की मैनेजमेंट कमेटी उनको गर्भवती महिलाओं के साथ वार्ड में नहीं जाने देती, चूंकि डिलीवरी से पूर्व बहुत सी महिलायें ठीक से कुछ बता नहीं पाती है लेकिन, हॉस्पिटल की मैनेजमेंट कमेटी आशाओं को बाहर ही रोक देती है। मंडलायुक्त ने निर्देश दिए कि आशाओं के लिए एक स्थान निश्चित किया जाए। एक प्रसूता के साथ एक आशा को जाने दिया जाए। उन्होंने स्टॉक चेक करवाया तो, ठीक पाया गया, इस दौरान विभागीय और प्रशासनिक अफसर उझानी के एमओआईसी डॉ. महेश प्रताप सिंह की हरकतों को छुपा गये वरना, मंडलायुक्त से बदतमीज डॉ. महेश बच नहीं पाता।
मंडलायुक्त ने जिला आबकारी कार्यालय का निरीक्षण किया, यहां उन्होंने उपस्थिति, आकस्मिक व्यय, बजट कंट्रोल, अधिष्ठान तथा शिकायत पंजिका सहित विभिन्न पंजिकाओं को अवलोकन किया। आईजीआरएस में की गई शिकायत में एक शिकायतकर्ता असंतुष्ट पाया गया तो, जिला आबकारी अधिकारी सुशील कुमार मिश्रा को पुनः जांच कराकर आवश्यक कार्यवाही कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने निर्देश दिए कि तहसीलों पर बैठे विभाग के अधिकारियों को निर्देशित कर दें कि समय से कार्यालय में बैठकर कार्य करें, किसी भी कार्य में अनियमितता पाए जाने पर क्षम्य नहीं किया जाएगा।
इसके बाद उन्होंने सालारपुर पर स्थित देसी-विदेशी मदिरा के गोदाम का निरीक्षण किया। गोदाम पर चार सीसीटीवी कैमरे लगे थे, जिनमें से दो चालू ही नहीं थे, साथ ही मुख्य द्वार पर भी कोई कैमरा नहीं लगा हुआ था। आयुक्त ने सभी कैमरों को निरंतर चालू रखने एवं मुख्य द्वार पर कैमरा लगवाने के निर्देश दिए। गोदाम में स्टॉक के रूप में रखी मदिरा की बोतलों की पैकिंग, रेट, ब्रांड परखने के लिए उन्होंने अपने फोन में क्यूआर कोड डाल कर स्कैन किया तो, सही पाई गई, साथ ही एल्कोहल जांच यंत्र से बोतलों की गुणवत्ता की जांच कराने के भी निर्देश दिए हैं। उन्होंने स्टाॅक चेक किया तो, सही पाया गया, यहां गंदगी देख नाराज़गी व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि साफ-सफाई का खास ध्यान रखा जाए।
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