बदायूं में अपने आवास पर नागरिक संशोधन कानून को लेकर पूर्व दर्जा राज्यमंत्री आबिद रजा ने पत्रकारों से वार्ता की। आबिद रजा ने भाजपा सरकार पर नागरिक संशोधन कानून को लेकर देश व समाज को बांटने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार आर्थिक मंदी और बेरोजगारी जैसे मुद्दों से जनता का ध्यान भटकाना चाहती है। नोटबंदी, जीएसटी, धारा- 370, तीन तलाक, एनआरसी व सीएबी से देश का विकास नहीं होने वाला है।
आबिद रजा ने कहा कि देश का विकास बेरोजगारी और गरीबी कम करने से होगा, किसान के खुशहाल होने से होगा, महिलाओं के सुरक्षित होने से होगा, व्यापार बढ़ने से होगा, यह बात जनता की समझ में आनी चाहिए कि देश में जो भी सरकार बने, उसको लोकसभा व राज्यसभा में वही कानून बनाने चाहिए, जो देश हित में हों। संख्या बल ज्यादा होने का मतलब यह नहीं कि ऐसे कानून बना दिए जायें, जिनसे देश की जनता को नुकसान हो, परेशानी हो या, बेचैनी पैदा हो। नागरिक संशोधन कानून से समाज के एक बड़े वर्ग में बेचैनी पैदा हो गई है, इस पर केंद्र सरकार को अपना रुख साफ करना चाहिए, भाजपा की केंद्र सरकार लोकसभा में संख्या बल का दुरुपयोग कर रही है तथा राज्यसभा में सत्ता का दुरुपयोग कर के मैनेजमेंट से लगातार नोटबंदी ,जीएसटी, तीन तलाक, नागरिक संशोधन कानून देश हित में न होते हुए भी पास कराने में कामयाब हो रही है।
आबिद रजा ने कहा मैं एक भारतीय मुसलमान हूँ और मुझे भारतीय मुसलमान होने पर गर्व है। मैं खासतौर पर हिंदू भाइयों से कहना चाहता हूँ कि विश्व में हिंदुस्तान को सोने की चिड़िया कहा जाता था, इसलिए विदेशी ताकतों ने उस समय भी फूट डालकर हिंदुस्तान को गुलाम बनाया। गुलाम हिंदुस्तान को आजाद कराने के लिए हिंदू और मुसलमान ने मिलकर लड़ाई लड़ी और देश आजाद कराया। आज भी देश में ऐसी सरकार है, जो अपनी राजनैतिक कुर्सी बचाने के लिए और अपनी नाकामी छुपाने के लिए हिंदू और मुसलमान के बीच दूरी बनाना चाहती है, भाजपा सरकार बताए नोटबंदी, जीएसटी और तीन तलाक से हिंदू भाइयों को क्या लाभ हुआ?
हिंदुस्तान में आज इमरजेंसी जैसे हालात हैं, भारत एक धर्मनिर्पेक्ष देश है तथा, यहां का प्रजातंत्र दुनिया में एक मिसाल है लेकिन, आज अगर जनता सरकार के खिलाफ कोई आवाज उठाती है तब, फर्जी मुकदमे लगाकर बेगुनाह लोगों को जेल में डाला जाता है। मैं जामिया मिलिया के छात्रों पर दिल्ली पुलिस के रवैये की घोर निंदा करता हूँ, छात्र देश का भविष्य हैं। देश की राजधानी दिल्ली में जब कानून की हिफाजत करने वाले लोग ही कानून का दुरुपयोग करने लगें तब, बाकी देश का क्या हाल होगा? जामिया मिलिया, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी व अन्य यूनिवर्सिटी के छात्रों के शांतिपू र्वक संघर्ष में मैं उनके साथ खड़ा हूँ, क्योंकि मेरा भी छात्र जीवन संघर्ष पूर्ण रहा है। अंत में उन्होंने केंद्र सरकार से नागरिक संशोधन कानून को देशहित में वापस लेने का सुझाव दिया।
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