बदायूं जिले में नगर निकायों की हालत लगातार खराब होती जा रही है। लापरवाही और भ्रष्टाचार बढ़ता जा रहा है। ट्रैक्टर चालक के नाम से कुख्यात एक शातिर ठेकेदार नगर निकायों में हावी है। कुख्यात ट्रैक्टर चालक के सामने विभागीय और प्रशासनिक अफसरों के साथ राज्यमंत्री महेश चंद्र गुप्ता तक के निर्देश नहीं माने जा रहे, जिससे जिले भर के अधिशासी अधिकारी ट्रैक्टर चालक की चमचागीरी में जुटे रहते हैं।
बताते हैं कि ट्रैक्टर चालक जिले भर की नगर निकायों में हावी है। करोड़ों रूपये के ठेके हैं लेकिन, कुख्यात ट्रैक्टर चालक सिर्फ कागजों में ही काम करता है। अधिशासी अधिकारियों की मिलीभगत के चलते ट्रैक्टर चालक फर्जी बिल-बाउचर के माध्यम से सरकारी धन हजम कर रहा है। अगर, कोई अधिशासी अधिकारी रोड़ा बनता है तो, उसे तत्काल प्रभाव से हटवा देता है। एक-दो घटनाओं के बाद जिले भर के अधिशासी अधिकारी कुख्यात ट्रैक्टर चालक की चमचागीरी करने को मजबूर हो गये।
बताते हैं कि जिले भर के अधिशासी अधिकारी कुख्यात ट्रैक्टर चालक के यहाँ शाम को जुटते हैं और फिर देर रात तक मस्ती करते हैं। ट्रैक्टर चालक अधिशासी अधिकारियों को मीट, शराब और शबाब के साथ सब कुछ मुहैया कराता है। ट्रैक्टर चालक के यहाँ हर रात होने वाली अधिशासी अधिकारियों की अय्याशी की बातें आम हो गई हैं लेकिन, विभागीय और प्रशासनिक अफसर कुछ नहीं कर रहे हैं।
सूत्रों का यहाँ तक दावा है कि ट्रैक्टर चालक की मंशा के विरुद्ध नगर निकायों में कुछ भी नहीं हो सकता। विभागीय और प्रशासनिक अफसर किसी भी अधिशासी अधिकारी का कार्य क्षेत्र नहीं बदल सकते, कुछेक प्रकरणों में ट्रैक्टर चालक राज्यमंत्री महेश चंद्र गुप्ता पर भी भारी पड़ जाता है। ट्रैक्टर चालक अपने चहेते अधिशासी अधिकारी को दो और नगर निकायों का अतिरिक्त कार्यभार दिलाने में जुटा हुआ है, जबकि राज्यमंत्री महेश चंद्र गुप्ता भ्रष्ट ठेकेदारों से चिढ़ते हैं और दूरी भी बना कर रखते हैं। अब देखते हैं कि कुख्यात ट्रैक्टर चालक के यहाँ हर रात मस्ती करने वाले अधिशासी अधिकारियों के विरुद्ध राज्यमंत्री महेश चंद्र गुप्ता क्या कार्रवाई कराते हैं?
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