बदायूं जिले का स्वास्थ्य एवं चिकित्सा विभाग भ्रष्टाचार के दल-दल में इस हद तक धंस गया है कि अब सर्जरी के बिना कुछ भी सही हो पाने की आशा ही समाप्त हो गई है। टेंडर को लेकर मुख्य चिकित्सा अधिकारी पर आरोप लगते रहते हैं, उन पर अब प्रतिबंधित फर्म को टेंडर देने का आरोप लग रहा है लेकिन, शिकायत पर प्रशासन जाँच तक कराने को तैयार नहीं है।
उल्लेखनीय है कि 24 फरवरी को अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) की उपस्थिति में टेंडर खोले गये थे, इस दौरान बड़ा बवाल हो गया था, जो देर रात तक नहीं थमा तो, कुछेक ठेकेदार अपने घर चले गये थे, इस बीच न सिर्फ विड खोल दी गई, बल्कि शिवा शिक्षा समिति नाम की फर्म को टेंडर भी दे दिए गये, इसका खुलासा मार्च में हुआ। खुलासा होने पर ठेकेदार आक्रोशित हैं। पीड़ित ठेकेदार शिकायत कर रहे हैं लेकिन, प्रशासनिक अफसर शिकायत पर जाँच तक कराने को तैयार नहीं हैं।
नगर के मोहल्ला ऊपरपारा निवासी मोहम्मद अली ने एडीएम (प्रशासन) को भेजी लिखित शिकायत में आरोप लगाया है कि शिवा शिक्षा समिति नाम की फर्म भ्रष्टाचार और अन्य तमाम अनिमितताओं को लेकर प्रतिबंधित की जा चुकी है, इसके बावजूद विभाग ने न सिर्फ टेंडर स्वीकार कर लिया, बल्कि उसे टेंडर भी दे दिया, जबकि तमाम गंभीर शिकायतों की जाँच भी विचाराधीन हैं। पीड़ित ने जाँच कर कार्रवाई कराने की मांग की है। यह भी बता दें कि उक्त प्रतिबंधित फर्म नईम (अल्वी) शास्त्री नाम के युवक की है, जो बेहद शातिर बताया जाता है, इसने अफसरों और भाजपा नेताओं को मूर्ख बनाने के लिए शिवा नाम की फर्म से टेंडर हथियाया है।
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