बदायूं जिले में स्थित न्यायालय में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गाँधी के विरुद्ध परिवाद दायर किया गया है। राहुल गाँधी द्वारा मोस्ट वांटेड आतंकी अजहर मसूद को “जी” कहने पर हंगामा थम नहीं रहा है, उनके विरुद्ध और भी स्थानों पर शिकायतें की गई हैं।
उल्लेखनीय है कि 11 अप्रैल को नई दिल्ली में कांग्रेस कार्यकर्ताओं की एक बैठक को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा था कि पुलवामा हमले में सीआरपीएफ के 40 से 45 जवान शहीद हो गए थे, सीआरपीएफ बस पर किसने बम फोड़ा? जैश-ए-मोहम्मद… मसूद अजहर ने… आपको याद होगा ना? यह वही मसूद अजहर है, जिसे 56 इंच वालों की तब की सरकार ने एयरक्राफ्ट में “मसूद अजहर जी” के साथ बैठकर अजीत डोभाल कंधार में हवाले करके आ गए थे।
राहुल गाँधी द्वारा आतंकी के नाम में “जी” लगाने पर देश भर में हंगामा शुरू हो गया। भाजपा ने ट्वीटर पर ‘हैशटैग राहुल लव्स टेररिस्ट’ कैंपेन चलाया एवं कई मंत्रियों और बड़े नेताओं ने राहुल गाँधी की आलोचना की, साथ ही सोशल साइट्स पर यूजर्स ने जमकर खिल्ली उड़ाई।
उक्त प्रकरण में ही बदायूं स्थित मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के न्यायालय में एक अधिवक्ता द्वारा राहुल गाँधी के विरुद्ध परिवाद दायर किया गया है। परिवाद पर अभी सुनवाई नहीं हो सकी है। यह भी बता दें कि उक्त प्रकरण में बिहार के मुजफ्फरपुर में स्थित मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के न्यायालय में सामाजिक कार्यकर्ता तमन्ना हाशमी ने 124 ए (देशद्रोह), 153 (धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास, भाषा आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) और 295 (किसी भी वर्ग के धर्म का अपमान करना) के अंतगर्त परिवाद दायर किया था, जिस पर 16 मार्च को सुनवाई तिथि तय की गई थी, इसके अलावा लखनऊ के कैसरबाग कोतवाली में अधिवक्ता अरविंद ने राहुल गांधी के विरुद्ध प्रार्थना पत्र दिया था।
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