बदायूं जिले में मुस्लिमों को अपशब्द कहने के प्रकरण में न्यायिक प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ रही है, जिससे समाजवादी पार्टी के नेता देवेन्द्र शाक्य की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। चुनावी माहौल में मुद्दा उछल गया तो, समाजवादी पार्टी को भी नुकसान हो सकता है। हालाँकि मुद्दा अंदर ही अंदर लंबे समय से सुलग रहा है।
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के न्यायालय में परिवाद दायर करने वाले परवेज उर्फ छोटू ने आरोप लगाया है कि 19 जुलाई 2018 को महान दल के प्रांतीय अध्यक्ष देवेन्द्र शाक्य ने समाजवादी पार्टी की सदस्यता ग्रहण की थी, इस दौरान देवेन्द्र शाक्य ने मुस्लिम वर्ग के लिए अपशब्दों का प्रयोग किया था, इस दौरान कई बड़े नेताओं के साथ बड़ी संख्या लोग मौजूद थे। सुनवाई के बाद न्यायालय ने परिवाद स्वीकार कर लिया एवं सुनवाई की अगली तिथि 22 फरवरी तय कर दी।
बता दें कि उक्त प्रकरण में एक वीडियो भी वायरल हुआ था, जिसके बारे में कहा जा रहा था कि देवेन्द्र शाक्य ने मुस्लिमों को “कटुआ” कहा है एवं दूसरा पक्ष कह रहा था कि “कदुआ” कहा है। “कटुआ” और “कदुआ” की बहस लंबे समय से चल रही है पर, अब मुद्दा न्यायिक परिधि में आ गया है तो, अब दोष सिद्ध होने पर देवेन्द्र शाक्य की मुश्किलें बढ़ सकती हैं एवं मुद्दा छाया रहा तो, चुनाव के समय समाजवादी पार्टी को भी समस्या हो सकती है। यह भी बता दें कि समाजवादी पार्टी देवेन्द्र शाक्य को विवाद के बावजूद समाजवादी पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ का प्रदेश उपाध्यक्ष नियुक्त कर चुकी है, जबकि समाजवादी पार्टी में शाक्य समाज के कई प्रतिष्ठित चेहरे लंबे समय से संघर्ष कर रहे हैं।
(गौतम संदेश की खबरों से अपडेट रहने के लिए एंड्राइड एप अपने मोबाईल में इन्स्टॉल कर सकते हैं एवं गौतम संदेश को फेसबुक और ट्वीटर पर भी फ़ॉलो कर सकते हैं, साथ ही वीडियो देखने के लिए गौतम संदेश चैनल को सबस्क्राइब कर सकते हैं)