बदायूं जिले के शिक्षा विभाग में बाबूगीरी का आलम यह है कि गर्भवती शिक्षिका को निरर्थक इधर-उधर दौड़ाया जा रहा था। प्रकरण तेजतर्रार मुख्य विकास अधिकारी आईएएस निशा अनंत के संज्ञान में पहुंचा तो, संबंधित बाबू के विरुद्ध त्वरित कड़ी कार्रवाई कर दी गई।
बताते हैं कि सुगन्ध, सहायक अध्यापिका, प्राथमिक विद्यालय अढ़ौली , विकास क्षेत्र उझानी ने प्रसूति अवकाश हेतु आवेदन पत्र 2 फरवरी 2019 को सम्बन्धित खण्ड शिक्षा अधिकारी के माध्यम से बेसिक शिक्षा विभाग को प्रेषित कर किया था किन्तु, 8 अप्रैल 2019 तक बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा प्रसूति अवकाश स्वीकृत नहीं किया गया।
सीडीओ ने गहनता से पत्रावली को देखा तो, पाया कि खण्ड शिक्षा अधिकारी उझानी द्वारा प्रसूति अवकाश का आवेदन पत्र अग्रसारित किया गया है, उसमें डॉ. मनीष गोयल द्वारा की गई अल्ट्रासाउण्ड की रिपोर्ट भी संलग्न है, जिसमें प्रसव की सम्भावित तिथि 2 अप्रैल 2019 का उल्लेख है, इसके उपरान्त बेसिक शिक्षा विभाग ने अपने कार्यालय के पत्र द्वारा प्रकरण मुख्य चिकित्साधिकारी को परीक्षण हेतु सन्दर्भित कर दिया गया।
मुख्य चिकित्साधिकारी द्वारा चिकित्सा प्रमाण पत्र परीक्षण हेतु प्रेषित कराने की टिप्पणी अंकित की गई है, जिस पर बेसिक शिक्षा विभाग के पत्र के द्वारा सुगन्ध को मुख्य चिकित्साधिकारी का प्रमाण पत्र उपलब्ध कराने हेतु निर्देश दिए गए एवं अन्यथा की स्थिति में आवेदन पत्र पर विचार करना सम्भव नहीं होने का उल्लेख किया गया।
पत्रावली का अवलोकन करने के बाद निशा अनंत ने पाया कि बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा अमानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए प्रश्नगत प्रकरण में अनावश्यक रूप से आधारहीन आपत्तियां लगाकर जान-बूझकर विलम्ब किया जा रहा है, इसके अतिरिक्त अन्य शिक्षिकाओं के प्रसूति अवकाश के प्रकरणों में भी बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा अनावश्यक विलम्ब किया गया है।
सीडीओ ने निर्देश दिया है कि आगामी आदेशों तक जनपद में बेसिक शिक्षा विभाग के प्रसूति अवकाश से सम्बन्धित समस्त महिला अध्यापिकायें व कर्मचारी आवेदन पत्र की एक प्रति सीडीओ को उपलब्ध करायें ताकि, पारदर्शिता अपनाते हुए महिलाओं के प्रसूति अवकाश प्रकरणों का निस्तारण कराया जा सके।
उक्त प्रकरण को सीडीओ ने गंभीरता से लिया है, जिसकी भनक बीएसए को लग गई तो, आनन-फानन में पटल बाबू मुनीश कुमार को निलंबित कर दिया गया, साथ ही उसे एबीआरसी कार्यालय दहगवां से संबद्ध भी कर दिया गया है उसकी जाँच हेतु दो सदस्यीय कमेटी गठित कर दी गई है। बता दें कि मुनीश वही बाबू है, जो शिक्षक भर्ती घोटाले में फंस चुका है।
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