बदायूं को वैश्विक पटल पर बड़े और छोटे सरकार के कारण भी जाना जाता है। सरकार के चाहने वाले दुनिया भर में फैले हैं, जो साल भर आते रहते हैं लेकिन, उर्स के अवसर पर हजारों लोग विशेष तौर पर आते हैं। गुरूवार को बड़े सरकार का उर्स है। हजारों लोग आये हैं लेकिन, अव्यवस्थाओं के चलते सबका बुरा हाल है।
सोमवार को छोटे सरकार का उर्स था और गुरुवार को बड़े सरकार का उर्स है, इस दौरान चादर चढ़ा कर पुण्य लाभ लेने हजारों लोग आते हैं। देश के साथ विदेश से भी लोग आये हैं लेकिन, कमेटी की ओर से कोई व्यवस्था नहीं की गई है, जबकि कमेटी को लाखों रूपये की आमदनी होती है। तहबाजारी का ठेका ही कई लाख का उठाया गया है पर, सरकारी शौचालय तक में जाने के रूपये वसूले जा रहे हैं।
मेहमानों के बैठने की कोई व्यवस्था नहीं है, पेयजल की व्यवस्था नहीं है, जिससे उझानी और बिल्सी मार्ग पर जहाँ भी पेड़ दिख जाता है, वहीं चादर बिछा कर लोग बैठ जाते हैं। मंदिरों और लोगों के घरों के सामने तक जायरीन शरण लिए हुए हैं। सुरक्षा की भी कोई व्यवस्था नहीं है। कमेटी उदासीन है, वहीं प्रशासन भी पूरी तरह अनिभिज्ञ नजर आ रहा है। किसी के साथ कोई अनहोनी हो जाये तो, किसकी जिम्मेदारी होगी।
नेता हजारों रूपये कीमत की चादर चढ़ा कर प्रचार-प्रसार करते नजर आते हैं लेकिन, जायरीनों की सेवा कोई नहीं करता, उनके लिए टेंट कोई नहीं लगवाता, उनके लिए पानी और शर्बत की व्यवस्था कोई नहीं करता। दूर से आने वाले जायरीन बदायूं के लोगों को ही कोसते होंगे कि विश्व प्रसिद्ध स्थान पर अव्यवस्थायें हावी हैं। सरकार के चाहने वालों को प्रेम नहीं मिलता, इससे सरकार भी खुश नहीं होते होंगे। विश्व प्रसिद्ध स्थल पर वैश्विक स्तर की ही सुविधायें होना चाहिए। छोटे-बड़े सरकार किसी एक धर्म के नहीं हैं, जायरीन भी हर धर्म के आते हैं, इसलिए सुविधाओं को बेहतर करने में हर किसी को मदद करना चाहिए और दोषियों के विरुद्ध आवाज भी उठाना चाहिए। हालाँकि सरकार अपने स्तर से दंडित करेंगे ही।
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