बदायूं शहर की कोतवाली में प्रभारी निरीक्षक के रूप में तैनात रह चुका इंस्पेक्टर लोकेन्द्र पाल सिंह धूर्त किस्म का इंसान है। लोकेन्द्र की कार्य प्रणाली विवादित रही ही है, साथ ही लोकेन्द्र ने महिला सिपाही को भी जमकर प्रताड़ित किया था, जिसका पहले ही मुकदमा दर्ज हो चुका है।
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उल्लेखनीय है कि मेरठ जिले में तैनात एक महिला सिपाही ने आरोप लगाया था कि वह वर्ष- 2010 में बुलंदशहर जिले में स्थित नाना के घर पर रहती थी तभी, जमीन संबंधी एक विवाद में इंस्पेक्टर लोकेंद्र पाल सिंह घर पर आया था, उसी समय एक अधिवक्ता से मिलवाने को कह कर वह अपने साथ गाड़ी में ले गया था और बीच में कोल्ड ड्रिंक में नशीला पदार्थ पिला कर बेहोश कर दिया था। होश खोने पर वह बुलंदशहर स्थित अपने घर ले गया था, इस बीच होश आने पर उसने विरोध किया था पर, तब तक, वह यौन उत्पीड़न कर चुका था, इसके बाद वह नाना के घर छोड़ गया था। वर्ष- 2011 में पीड़ित पुलिस में भर्ती हो गई तो, मेरठ में भी वह पीछा करते हुए पहुंच गया था।
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पीड़ित हॉस्टल में रहती थी, वह एक दिन साथी सिपाहियों के साथ पार्टी कर रही थी, इस बीच लोकेंद्र पहुंच गया और उसे अलग बुला कर रिवाल्वर के बल पर गाड़ी में बैठा ले गया था, नदी किनारे मेघदूत की पुलिया के पास ले जाकर पुनः यौन उत्पीड़न किया था, जिसका उसने वीडियो भी बना लिया था, इस सबका मुकदमा दर्ज होने के बाद लोकेंद्र पर कड़ी कार्रवाई की गई थी।
उक्त प्रकरण में कुछ ऑडियो और फोटो भी वायरल हुए थे। कुछेक फोटो में लोकेन्द्र खुद के माथे पर और मुंह में सर्विस रिवाल्वर लगाये नजर आ रहा है, इस बारे में बताया जाता है कि पीड़िता लोकेन्द्र से संपर्क करने को मना करती थी तो, वह उसे धमकाता था और फिर न डरने पर इमोशनल ब्लैकमेल करता था। बता दें कि उक्त लोकेन्द्र सह-कर्मियों के साथ बुधवार को न्यायालय द्वारा तलब किया गया है। ठेकेदार कमलकांत और उनके बेटे पुष्पांशु पर सदर कोतवाल रहते समय लोकेन्द्र ने कार्रवाई की थी।
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