बदायूं जिले में एंटी भू-माफिया टास्क फोर्स सिर्फ कागजों में ही चल रहा है। वास्तव में पुलिस-प्रशासन के कारिंदे माफियाओं के साथ कंधे से कंधा मिला कर खड़े नजर आ रहे हैं और खुलेआम सार्वजनिक संपत्तियों पर कब्जे करा रहे हैं। दोपहर के समय जागरूक युवाओं ने कब्रिस्तान की खाली जमीन पर पौधारोपण किया था, लेकिन कुछ देर बाद ही माफिया ने पौधे उखड़वा दिए। घटना के बाद पुलिस और प्रशासन के अफसरों ने शिकायत पर भी कोई कार्रवाई नहीं की।
उल्लेखनीय है कि शहर के सर्वाधिक कुख्यात और शातिर भू-माफिया ने नबादा स्थित कब्रिस्तान की जमीन पर कब्जा कर लिया है, लेकिन शिकायत के बावजूद सदर क्षेत्र के तहसीलदार ने माफिया को पूरी तरह बचा दिया। पुराने कब्जे की जाँच अपने पक्ष में कराने के बाद भू-माफिया शेष जमीन को भी कब्जाने का प्रयास करने लगा और कब्रिस्तान की जमीन पर मिटटी डलवा कर समतल करा दी। अस्थाई अतिक्रमण करने के बाद स्थाई तौर पर कब्जा करने का प्रयास किया जा रहा था, जिससे जागरूक युवाओं ने आज दोपहर कब्रिस्तान की खाली जमीन पर पौधारोपण कर दिया। युवाओं ने भू-माफिया की मदद करने के चलते सदर क्षेत्र के तहसीलदार का पुतला भी फूंका था।
युवा पौधारोपण करने के बाद चले गये, तो भू-माफिया ने खड़े होकर अपने कारिंदों से सभी पौधे उखड़वा कर फेंक दिए। पौधों की खुलेआम हत्या करने की खबर युवाओं को लगी, तो युवाओं ने पुलिस और तहसील प्रशासन को जानकारी दी। कोतवाली पुलिस ने माफिया के विरुद्ध तहरीर नहीं ली, जबकि दोपहर माफिया के फोन पर कोतवाली पुलिस दौड़ कर पहुंच गई थी। लेखपाल की भूमिका भी माफिया के हित में है, जिससे पौधे उखाड़ने के बावजूद माफिया बचा हुआ है।
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