बदायूं जिले में समाजवादी पार्टी की सरकार में बाल विकास परियोजना अधिकारी विजयलक्ष्मी की तूती बोलती थी। दबंगई से कार्य करती हैं, बरेली में रहती हैं, उनसे कोई यह पूछ भी ले कि समय से कार्यालय क्यों नहीं आईं, तो जवाब देने की जगह उसके विरुद्ध पुलिस थाने में मुकदमा दर्ज कराती रही हैं। सपा सरकार में कई शक्तिशाली लोगों का संरक्षण प्राप्त था, साथ ही महिला होने का भी खुला दुरूपयोग करती रही हैं। लोगों को लगता था कि भाजपा सरकार में विजयलक्ष्मी की दबंगई पर रोक लगेगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। भाजपा के शक्तिशाली लोगों ने भी आशीर्वाद दे दिया, जिससे दबंगई का घोड़ा अब भी बेलगाम दौड़ रहा है। थाने में तहरीर देने के लिए कुख्यात विजयलक्ष्मी ने अब उत्तर प्रदेश राज्य कर्मचारी कल्याण निगम के प्रबंधक के विरुद्ध तहरीर दे दी है।
विकास खंड सालारपुर में बाल विकास परियोजना अधिकारी के पद पर कार्यरत विजयलक्ष्मी ने थाना सिविल लाइंस में दिए प्रार्थना पत्र में कहा है कि ग्राम पंचायत शिकरापुर पर तैनात आंगनवाड़ी कार्यकत्री ओमवती अपने पति उत्तर प्रदेश राज्य कर्मचारी कल्याण निगम के जिला प्रबंधक निमेश चंद्र शर्मा उर्फ जंगली के साथ आई, तो निर्धारित तिथि 20 नवंबर को पोषाहार न लेने के संबंध में पूछा गया, इस पर जंगली लड़ने पर अमादा हो गये और मुझ महिला कर्मचारी विजयलक्ष्मी से अभद्रता करने लगे।
विजयलक्ष्मी का आरोप है कि शासकीय कार्य में बाधा उत्पन्न की गई, जान से मारने की धमकी दी गई, जिससे वह भयभीत है। संबंधित अधिकारी से अनुमति लिए बिना विजयलक्ष्मी ने थाना सिविल लाइंस में तहरीर दे दी है। डीएम, एसएसपी, सीओ, बीडीओ और डीपीओ को प्रतिलिपि भेजी गई है। तहरीर में कई अन्य कार्यकत्रियों को गवाह बनाया गया है। विजयलक्ष्मी के आरोपों की सिविल लाइंस थाना पुलिस ने जाँच शुरू कर दी है।
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