बदायूं के मुख्य विकास अधिकारी शेषमणि पाण्डेय ने पहले से ही निश्चित कार्यक्रम के तहत डीपीआरओ कार्यालय का निरीक्षण किया, इसके बावजूद तमाम व्यवस्थायें अस्त-व्यस्त पाई गईं। पर्याप्त सफाई भी नहीं कराई गई थी और न ही निरीक्षण पुस्तिका तैयार की गई थी, जिसके कारण कार्यालय का विस्तृत निरीक्षण नहीं हो सका। सीडीओ ने डीपीआरओ को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए स्पष्टीकरण तलब किया है। उन्होंने निर्देश दिए कि लापरवाह कर्मचारियों के विरुद्ध कार्यवाही हेतु प्रस्ताव तैयार कर तत्काल उनके समक्ष प्रस्तुत किया जाए।
मंगलवार को सीडीओ ने जिला पंचायत राज कार्यालय का निरीक्षण किया, तो एलईडी बल्ब के स्थान पर ट्यूबलाइट लगी पाई गई। उन्होंने कहा कि डीएम के निरन्तर निर्देशों के बाद भी यह स्थिति नितान्त आपत्तिजनक है। प्रधान सहायक सुहैल फरशोरी के पटल पर महत्वपूर्ण पत्रों एवं शासनादेशों की गार्ड फाइल उपलब्ध नहीं थी और इन्होंने कार्यालय की विवरण पुस्तिका भी तैयार नहीं की थी। वरिष्ठ सहायक अंजली शर्मा अपने पटल को छोड़कर दूसरे पटल पर बैठी पाई गईं, इनके नाम की पट्टिका भी नहीं लगी थी और न ही जाॅब चार्ट लगा हुआ था, इनकी पट्टिका दूसरी टेबिल पर रखी हुई थी। कनिष्ठ सहायक काली चरण के पटल पर भी नाम पट्टिका और जाॅब चार्ट नहीं लगा हुआ था। शासकीय अभिलेख अव्यवस्थित थे। पत्र प्राप्ति एवं प्रेषण पटल से सम्बंधित लिपिक नदारद पाए गए, उनके स्थान पर पत्रवाहक मदन बैठे हुए थे। निरीक्षक शशिकान्त शर्मा के कमरे में एलईडी बल्ब के स्थान पर ट्यूबलाइट लगी पाई गईं, यहाँ भी नाम पट्टिका और जाॅब चार्ट नहीं लगा हुआ था। बार रूम में पुताई का कार्य नहीं कराया गया है, यहां बिजली के तार फैले हुए थे और शासकीय अभिलेख भी अस्त-व्यस्त पाए गए।
डीपीआरओ कार्यालय के बाहर गैलरी में कुर्सी, मेजें अव्यवस्थित अवस्था में पाए जाने पर सीडीओ ने कहा कि इससे स्पष्ट होता है कि सूचना के बाद भी निरीक्षण की कोई तैयारी नहीं की गई। उन्होंने कहा कि पदीय दायित्वों का निर्वाहन न किया गया और अकर्मण्यतापूर्ण कार्यशैली का परिचय देते हुए उच्च अधिकारियों के निरीक्षण की ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया तथा निरीक्षण पुस्तिका भी तैयार नहीं की गई, इन सभी अव्यवस्थाओं के लिए डीपीआरओ राजीव कुमार मौर्य कारण स्पष्ट करें।
इसके अलावा मंगलवार को विकास भवन स्थित सभाकक्ष में मुख्य विकास अधिकारी शेषमणि पाण्डेय ने ओडीएफ कार्य में अपेक्षित प्रगति न होने पर ब्लाक जगत के सभी ग्राम प्रधानों, सचिवों, खण्ड प्रेरकों, बाल विकास परियोजना अधिकारी एवं सम्बंधित नोडल अधिकारियों के साथ उन्मुखीकरण कार्यशाला में प्रगति की समीक्षा की।
स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के तहत ग्राम पंचायत गिधौल में 733 शौचालयों के निर्माण के सापेक्ष मात्र तीन शौचालयों का एमआईएस तथा केवल दो शौचालयों के आॅनलाइन फोटो अपलोड की स्थिति को गम्भीरतापूर्वक लेते हुए सीडीओ ने ग्राम पंचायत गिधौल के तत्कालीन ग्राम प्रधान एवं सचिव के विरुद्ध कारण बताओ नोटिस जारी करने हेतु डीपीआरओ को निर्देशित किया। ग्राम प्रधानों से सहयोग की अपील करते हुए सीडीओ ने कहा कि 15 दिन के अन्दर जो ग्राम प्रधान अपनी ग्राम पंचायत को ओडीएफ घोषित कराएगा, उसे विशेष रूप से सम्मानित किया जाएगा और उसके गांव में गौरव यात्रा भी निकाली जाएगी।
उन्होंने डीपीआरओ को निर्देशित किया कि इस योजना के जन-जागरुकता अभियान में सहयोग हेतु ब्लाक जगत के दस सक्रीय ग्राम प्रधानों का चयन करें, उन्हें स्वच्छ भारत मिशन का ब्रांड एबेस्डर बनाया जाएगा। उन्हें स्टाफ एवं गाड़ी की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी, जिससे शीघ्र ही जनपद को ओडीएफ किया जा सके। समीक्षा के दौरान उन्होंने पाया कि ब्लाक जगत में 4480 शौचालयों के सापेक्ष 3374 शौचालयों का एमआईएस किया गया है और 1987 शौचालयों के फोटो अपलोड हुए हैं।
सीडीओ ने कड़ी नाराज़गी जताते हुए ग्राम प्रधानों एवं सचिवों को एक सप्ताह के अन्दर शत-प्रतिशत कार्य पूर्ण कराकर एमआईएस एवं फोटो अपलोड कराने की हिदायत दी है। उन्होंने कहा कि विकास खण्डवार उन्मुखीकरण कार्यशाला की तिथियाँ निर्धारित कर दी गई हैं। इसी प्रकार बारी-बारी से सभी विकासखण्डों की समीक्षा की जाएगी, इस अवसर पर जिला विकास अधिकारी सेवाराम चौधरी, जिला पंचायत राज अधिकारी राजीव कुमार मौर्य, यूनिसेफ के अब्दुल अहद जांबाज़, स्वच्छ भारत मिशन जिला समन्वयक प्रियंका तोमर मौजूद रहीं।
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