बदायूं स्थित ब्लूमिंगडेल स्कूल कि शाखा ब्लूम्स के प्रांगण में बिग एफ. एम. 92.7 की टीम का आगमन हुआ। टीम ने 5 अकटूबर को होने वाले ऑडिशन के लिए बच्चों में अनुशासन की प्रक्रिया को परखा। 92.7 की टीम में आई पंखुड़ी ने बच्चों को ऑडिशन के लिए जागरूक किया। टीम के द्वारा दिए गानों पर बच्चों ने शानदार प्रदर्शन किया।
इस अवसर पर श्यामलाल सर्राफ़ फर्म से सचित प्रकाश गुप्ता व साईकलिस्ट जंक्शन बरेली की सोनिया व उनके सुपुत्र गुरशान प्रमुख रूप से उपस्थित रहे। 5 अकटुबर को बरेली में होने वाले एक ऑडिशन के लिए बच्चों को बरेली में अपना जौहर दिखाना होगा, जिसके चयन के लिए टीम आई। टीम के सदस्यों में पंखुड़ी, स्वरणिमा, अनुभव व देवांक मौजूद रहे। अंत में विध्यालय अध्यक्षा पम्मी मेंहदीरत्ता ने सबका आभार व्यक्त किया, इस मौक़े पर मैनेजिंग हेड श्वेता मेंहदीरत्ता, प्रधानचार्या एन. सी. पाठक, समन्वयक उजमा क़मर, सैफ़ उद्दीन, कर्तिका सभरवाल, अजय शर्मा, सुमित शर्मा, प्रिया सिंह, दीक्षा शर्मा, शगुन शर्मा व लीप स्टार्ट टीम का अभूत पूर्व सहयोग रहा।
उधर बिल्सी स्थित बाबा इंटरनेशनल स्कूल द्वारा कक्षा 10 एवं 12 के विद्यार्थियों के लिए शैक्षणिक भ्रमण का आयोजन किया गया, जिसमें विद्यार्थियों को आंवला स्थित इफ्को प्लांट ले जाया गया। विद्यालय के निदेशक अनुज वार्ष्णेय ने हरी झंडी दिखाकर बस को रवाना किया।
वेलफेयर ऑफिसर संदीप वर्मा ने बच्चों का स्वागत किया तथा सूक्ष्म जलपान कराया। सीनियर मैनेजर (ट्रेनिंग) एस. पी. वर्मा ने बच्चों को बताया कि आंवला शहर में स्थित इफ्को या ‘इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइजर कोआपरेटिव लिमिटेड’ विश्व का सबसे बड़ा उर्वरक सहकारिता संस्था है। इस संस्था का निर्माण 3 नवम्बर 1967 को इंडियन फारमर्स फर्टिलाइजर को-आपरेटिव लिमिटेड (इफ्को) के रूप में किया गया। उन्होंने बच्चों को बताया कि किस प्रकार गैसों का मिश्रण कर खाद बनाई जाती है, किस प्रकार प्राकृतिक गैस को पाइपलाइन द्वारा मुंबई से यहाँ लाया जाता है। उन्होंने बच्चों को बताया कि प्रतिदिन 1 लाख 30 हजार यूरिया खाद के पैकेट बनकर देश भर में भेजे जाते हैं।
रोमांचित बच्चों ने अनेकों प्रकार की गतिविधियों को देखकर सीखने का अभ्यास किया। जैसे कि रासायनिक उर्वरकों, जैव-उर्वरकों, पैट्रो-रसायनों, औद्योगिक रसायनों की रिफाइनिंग और हाइड्रोकार्बन, उनके आदानों व प्रौद्योगिकी तथा सम्बद्ध उत्पादों का विकास करना और उनका रूपांतरण, भंडारण, परिवहन तथा विपणन करना आदि कई प्रकार के कार्यों को बारे में जाना और सीखने का प्रयास किया। कई विद्यार्थियों ने तो मशीनों को चलाने की विधि को जाना कि रासायनिक उर्वरकों को कैसे बनाया जाता है और बनाने की विधि के साथ रासायनिक उर्वरकों को बनते हुए देखा।
विद्यालय के निदेशक अनुज वार्ष्णेय ने कहा कि प्रैक्टिकल लाइफ और छात्रों के भविष्य को बेहतर बनाने के लिए उनको औद्योगिक भ्रमण पर भेजा जाता है। इस प्रकार के भ्रमण को लेकर बच्चों में आत्मविश्वास बढ़ता है। जिससे विद्यार्थी कुछ नया सीखते हैं। जीवन के इस पड़ाव में बच्चे जितना अच्छे तरीके सीखें, उन्हें सीखने के अवसर दिए जाने चाहिए। शैक्षणिक भ्रमण शिक्षा का सबसे अच्छा जरियां हैं।
प्रधानाचार्या रूपा माहेश्वरी नें कहा विद्यार्थियों के लिए शिक्षा के साथ-साथ शैक्षणिक भ्रमण भी जरूरी है। शिक्षण टूर के माध्यम से विद्यार्थियों को व्यावहारिक ज्ञान भी मिलता है। साथ ही उन्होंने कहा कि शैक्षणिक भ्रमण का मुख्य उद्देश्य छात्र-छात्राओं में शैक्षणिक ज्ञान का समावेश है। इसका उद्देश्य विज्ञान के उन्मुखी प्रतिष्ठानों की कार्यप्रणाली और उनसे जुड़ी जानकारी प्राप्त कराना है।
विद्यालय प्रशासक वी. पी. सिंह ने कहा कि शैक्षणिक भ्रमण ज्ञान अर्जन व सीखने का सबसे अच्छा माध्यम हैं। मनोरंजन के साथ सीखने का अवसर स्कूल के शैक्षिक भ्रमण में मिलता हैं। वैसे तो इंसान जीवन भर कुछ न कुछ नया सीखता रहता हैं। मगर सीखने का स्वर्ण काल तो विद्यार्थी जीवन ही हैं, इस शैक्षणिक भ्रमण पर प्रशासक वी. पी. सिंह के नेतृत्व में सुधीर शर्मा, चन्द्र प्रकाश प्रजापति, तबिश निसार, ज्योति शर्मा, विकास कुमार आदि उपस्थित रहे।
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