बदायूं जिले के एक सत्ताधारी विधायक कभी-कभार जिले में आते हैं और फिर हर बार कुछ ऐसा कर के जाते हैं, जिससे वे कई दिनों तक चर्चाओं में बने रहें। विधायक ने शुक्रवार को भी जमकर तांडव किया, वे ऐसा इसलिए करते हैं ताकि, पुलिस-प्रशासन और आम जनता में उनकी धमक बनी रहे, उन्हें सब याद रखें।
बताते हैं कि कैबिनेट मंत्री और जिले के प्रभारी मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी के आने के कारण अधिशासी अधिकारी संजय तिवारी कुछ ज्यादा ही व्यस्त थे, वे व्यस्तताओं के चलते एक विधायक जी को देख नहीं पाए और आगे निकल गये, यही बात विधायक जी को खटक गई, उन्होंने तत्काल संजय तिवारी का फोन लगवाया और तत्काल सामने हाजिर होने का आदेश दिया।
विधायक जी का आदेश मिलते ही संजय तिवारी विधायक जी के सामने हाजिर हो गये। बताते हैं कि पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस में विधायक जी के साथ अन्य तमाम अफसर उपस्थित थे, उनके सामने ही विधायक जी ने संजय तिवारी को ऐसे गरियाना शुरू कर दिया, जैसे संजय तिवारी ईओ नहीं बल्कि, कोई गली छाप गुंडे हों।
अभद्रता के साथ विधायक जी ने यह तक कह दिया कि उनका राजनैतिक कैरियर अभी बहुत लंबा है और तुम्हारी नौकरी भी लंबी चलेगी, वे हर सरकार में रहेंगे और औकात दिखाते रहेंगे, इस घटना से संजय तिवारी अवसाद में बताये जा रहे हैं, क्योंकि यह सब बड़े अफसरों के सामने ही हुआ था, इसलिए वे किसी से शिकायत भी नहीं कर सकते। जो अफसर अपने सामने गालियाँ दिलाते रहे, उनसे शिकायत कर के भी कोई लाभ नहीं होना है। बताते हैं कि विधायक जी ने जिला योजना की बैठक में भी भ्रष्टाचार के तर्कहीन आरोप लगाये, जिसको लेकर उनकी बैठक में ही एक अफसर से नोंक-झोंक हो गई, दोनों ही घटनायें चर्चा का विषय बनी हुई हैं।
यह भी बता दें कि नगर विकास राज्यमंत्री महेश चंद्र गुप्ता सदर क्षेत्र से भाजपा विधायक हैं, उनके गृह क्षेत्र में ही उनके विभाग के बड़े अफसर का सार्वजनिक रूप से अपमान किया जा रहा है, ऐसे में वे प्रदेश के अफसरों और कर्मचारियों का स्वाभिमान कैसे बचा पायेंगे। विधायक की दबंगई से अन्य कई लोग भी त्रस्त बताये जा रहे हैं।
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