बदायूं के जिलाधिकारी दिनेश कुमार सिंह के निशाने पर जो भी आ जाता है, वह उसे कार्रवाई कराये बिना छोड़ते नहीं। यदु सुगर मिल और गन्ना विभाग के अफसरों की धोखाधड़ी जाँच में सिद्ध हो गई है। दोषियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करा दिया गया है, जिससे हड़कंप मचा हुआ है।
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थाना सिविल लाइन में दर्ज कराई गई एफआईआर में कहा गया है कि गाँव अहोरामई और खैरपुरा में गन्ना पिराई सत्र- 17/18 का सर्वे गन्ना पर्यवेक्षक राकेश कुमार यादव, चीनी मिल कर्मचारी अभिषेक कुमार यादव, गन्ना विकास निरीक्षक खेत सिंह एवं यदु सुगर मिल के महाप्रबन्धक सुरेश चंद्र जौहरी के पर्यवेक्षण में किया गया था।
उक्त सर्वे में अनियमितता की शिकायत जिलाधिकारी से की गई थी, उनके निर्देश पर एसडीएम ने टीम गठित कर भौतिक सत्यापन कराया तो, पाया गया कि 144 किसानों के गन्ने का क्षेत्रफल अधिक दिखाया गया है एवं 90 किसानों का सर्वे कम दर्शाया गया है। मात्र दो किसानों का सर्वे सही पाया गया। जानबूझ कर किये गये गलत सर्वे से किसानों को अप्रत्यक्ष रूप से हानि पहुंचाई गई है। शासनादेशों और विभागीय निर्देशों का उल्लंघन कर किसानों के साथ छल करने का दोषी पाये जाने पर मुकदमा दर्ज करा दिया गया है।
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पुलिस प्रकरण की जाँच में जुट गई है। यह भी बता दें कि यदु सुगर मिल द्वारा बरती गई अनियमितताओं की शिकायत किसान शुरू से ही कर रहे थे लेकिन, जिला गन्ना अधिकारी की मिलीभगत के चलते मिल पर अंकुश नहीं लगाया गया। प्रकरण जिलाधिकारी के संज्ञान में नहीं आया होता तो, उक्त प्रकरण में भी कुछ नहीं होता।
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उक्त प्रकरण में एडवोकेट संदीप मिश्रा का मिल की ओर से कहना है कि सर्वे में मिल की भूमिका नहीं होती। विभाग द्वारा जो रिपोर्ट दी जाती है, उस सर्वे के अनुसार मिल कार्य करती है, इसलिए मिल के जीएम पर एफआईआर गलत कराई गई है।
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