बदायूं जिले में अप्रत्याशित वारदातें और घटनाक्रम होते ही रहते हैं, इसी क्रम में चौंकाने वाली घटना सामने आई है। पुलिस अब तक मुकदमों को फर्जी सिद्ध करने का अभियान चला रही थी और अब यौन उत्पीड़न की वारदातों में फैसला करने का भी पर्याप्त समय देने लगी है। पंचायत ने यौन उत्पीड़न की सजा निकाह तय कर दी है, जिसे न सिर्फ आरोपी बल्कि, पीड़ित पक्ष ने भी स्वीकार कर लिया है। निकाह की तैयारियां रात में भी युद्ध स्तर पर चल रही हैं। घटना क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी हुई है।
चौंकाने वाली वारदात बिसौली कोतवाली क्षेत्र के एक गाँव की है। बताते हैं कि बीती रात एक युवक पड़ोस के मकान में घुस गया और उसने छोटी बेटी को दबोच लिया। युवक बेरहमी से युवती का यौन उत्पीड़न करने लगा तभी, पीड़ित की बड़ी बहन जाग गई, जिसके शोर करने पर आरोपी भाग गया। बताते हैं कि पीड़ित के अम्मा-अब्बू बाहर गये हुए थे, वे लौट कर आये तो, उन्होंने कोतवाली पुलिस को तहरीर दी। कोतवाली पुलिस के पास तहरीर पहुंचते ही आरोपी पक्ष सक्रिय हो गया और उसने बिरादरी की शरण ले ली।
आरोपी और पीड़ित एक ही धर्म और एक ही बिरादरी के हैं, सो पंचायत ने दोनों को इकट्ठा कर निकाह करने का फैसला सुना दिया। फैसला लिखित में हुआ है, जिस पर पक्ष-विपक्ष और पंचायत करने वालों के गवाह के रूप में हस्ताक्षर हैं। पहले यौन उत्पीड़न की तहरीर दी गई थी लेकिन, फैसले में कहा गया है कि प्रेम प्रसंग के चलते विवाद हो गया था, जिसमें कार्रवाई नहीं कराना चाहते हैं। फैसले के अनुसार 3 अक्टूबर को निकाह पढ़ा जायेगा, सो रात में ही युद्ध स्तर पर तैयारियां की जा रही हैं। बताते हैं कि तहरीर आते ही पंचों ने पुलिस से कह दिया था कि मुकदमा दर्ज न करें, कुछ ही देर में फैसला करा दिया जायेगा, जिससे पुलिस ने मुकदमा ही दर्ज नहीं किया था।
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