बदायूं जिले के बिल्सी विधान सभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी के विधायक आरके शर्मा ने लखनऊ में आज अखिलेश यादव के समक्ष विधिवत समाजवादी पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली। आरके शर्मा दल-बदलू थे और अब पुनः दल बदल गये, इसलिए भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ आम जनता पर भी कोई असर नहीं हुआ है। दो-तीन वर्षों से आम जनता के बीच यह बात आम हो गई थी कि आरके शर्मा भाजपा छोड़ कर सपा ज्वाइन करेंगे और चुनाव लड़ने के लिए क्षेत्र भी बदलेंगे, वे दल और क्षेत्र नहीं बदलते तो, आश्चर्यजनक बात होती। हाल ही में एक वीडियो भी वायरल हुआ था, जिसमें आरके शर्मा ने दल और क्षेत्र बदलने की बात कही थी, जिससे स्पष्ट हो गया था कि अब घोषणा होना ही बाकी है।
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बड़ी बात आरके शर्मा का दल बदलना नहीं है, इससे भी बड़ी बात यह है कि हर विधायक के दो-चार हजार समर्थक होते हैं पर, आरके शर्मा के साथ एक भी भाजपा कार्यकर्ता ने भाजपा से त्याग पत्र नहीं दिया है, इसके विपरीत भाजपा कार्यकर्ता सोशल साइट्स पर आरके शर्मा की ही निंदा करते दिखाई दे रहे हैं, ऐसे जनाधार विहीन व्यक्ति से भारतीय जनता पार्टी को कोई नुकसान होने की संभावना नहीं जताई जा सकती और न ही समाजवादी पार्टी को कोई राजनैतिक लाभ होने की संभावना है। सूत्रों का कहना है कि वे लंबे समय से धर्मेन्द्र यादव के संपर्क में थे और उनके संकेतों पर ही कार्य कर रहे थे, जिससे उन्हें सपा में लिया गया है, इसके अलावा उनके एक रिश्तेदार पत्रकार बताये जाते हैं, उनके संबंधों के आधार पर भी आरके शर्मा राजनैतिक लाभ लेने का प्रयास करते रहते हैं पर, आरके शर्मा का भविष्य क्या होगा और उनके दल बदलने से किसे लाभ और किसे हानि होगी, इसका खुलासा चुनाव बाद ही हो सकेगा।
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खैर, बात ब्राह्मण समाज की करें तो, आरके शर्मा को बिल्सी क्षेत्र और जिले के ब्राह्मण नेता नहीं मानते, इसलिए ब्राह्मणों की ओर से भी कोई गंभीर प्रतिक्रिया नहीं आ रही है। जिले में सर्वाधिक लोकप्रिय ब्राह्मण चेहरा ब्राह्मण क्रांति मोर्चा के अध्यक्ष डॉ. शैलेश पाठक हैं, वे जिधर का रुख करेंगे, उधर का पलड़ा भारी होने की संभावना जताई जा रही है। डॉ. शैलेश पाठक ने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं, साथ ही पंडित शारदाकांत “सीकू भैया” भाजपा के जिला महामंत्री हैं और भाजपा का लोकप्रिय ब्राह्मण चेहरा हैं, इसलिए ब्राह्मणों पर आरके शर्मा के जाने का कोई असर दिखाई नहीं दे रहा है।
यह भी बता दें कि पिछले विधान सभा चुनाव में भाजपा ने आरके शर्मा को मात्र 13 दिनों में विधायक बना दिया था। आरके शर्मा को बिल्सी क्षेत्र के लोग जानते तक नहीं थे, वे सिर्फ भाजपा के कार्यकर्ताओं के बल पर चुनाव जीते थे, इसलिए पुनः दल बदलने से आम जनता में उनकी छवि तार-तार हो गई है। पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान उन्हें हर गाँव आम जनता ने उल्टे जवाब दिए थे, जिसके बाद संभवतः उन्होंने क्षेत्र और दल बदलने का निर्णय ले लिया था, ऐसे जनाधार विहीन और अलोकप्रिय व्यक्ति से समाजवादी पार्टी को भी नुकसान ही होगा।
उल्लेखनीय है कि आरके शर्मा बसपा के टिकट पर पहली बार बरेली जिले के आंवला क्षेत्र से विधायक बने थे, इस बार वे आंवला क्षेत्र से ही सपा के टिकट पर चुनाव लड़ने का सपना देख रहे हैं। सपा अविश्वसनीय व्यक्ति को टिकट देगी या, नहीं, यह सपा प्रत्याशियों की सूची आने के बाद ही पता चलेगा।
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