बदायूं जिले में भारतीय जनता पार्टी के अंदर पिछले दिनों चक्रवाती तूफान बनना शुरू हुआ था लेकिन, एकजुटता और तत्काल सकारात्मक प्रयास करने के चलते तूफान ने ही दम तोड़ गया। अब 2019 का लोकसभा चुनाव भारतीय जनता पार्टी हरीश कुमार शाक्य के नेतृत्व में ही लड़ेगी।
जी हाँ, पिछले दिनों भारतीय जनता पार्टी का जिलाध्यक्ष बदलने को लेकर सरगर्मियां तेज हुई थीं। प्रांतीय स्तर पर नये जिलाध्यक्ष को लेकर मंत्रणा शुरू हो गई तभी, जिला स्तर पर नेताओं को भनक लग गई। विधायक, पदाधिकारी और अधिकांश कार्यकर्ता हरीश कुमार शाक्य के पक्ष में लामबंद हो गये। लिखित में सभी ने नेतृत्व को अवगत करा दिया कि हरीश कुमार शाक्य बहुत अच्छा कार्य कर रहे हैं, साथ ही 2019 का चुनाव उनके ही नेतृत्व में लड़ा जाये तो, भाजपा को लाभ होगा। जिले के विधायकों, पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के विचार जान कर नेतृत्व ढीला पड़ गया और हरीश कुमार शाक्य को ही ग्रीन सिग्नल दे दिया।
बता दें कि हरीश कुमार शाक्य का कार्यकाल अक्टूबर में पूरा हो रहा है लेकिन, ग्रीन सिग्नल मिलने के चलते अब मिशन- 2019 हरीश कुमार शाक्य के नेतृत्व में ही पूरा किया जायेगा। यह भी बता दें कि हरीश कुमार शाक्य जिले में भाजपा के लिए लकी साबित हुए हैं। उनके नेतृत्व में भाजपा के पांच विधायक चुने गये, वहीं नगर निकाय और सहकारिता के चुनाव में भी भाजपा ने विजय हासिल की है लेकिन, नगर पालिका परिषद में व्याप्त भ्रष्टाचार और लापरवाही से आम जनता त्राहि-त्राहि कर रही है। हरीश कुमार शाक्य शहर के हालात सही नहीं करा पाए तो, इसका सीधा नुकसान लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी को ही उठाना पड़ेगा।
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