बदायूं लोकसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी की सांसद डॉ. संघमित्रा मौर्य तेजतर्रार और ईमानदार बताई जाती हैं, वे चाहती हैं कि जिले में ईमानदार अफसर रहें, जो आम जनता की सेवा करें, सरकार की योजनाओं का क्रियान्वयन करायें। सांसद को लापरवाही की शिकायत मिलती है तो, न सिर्फ वरिष्ठ अफसरों से शिकायत करती हैं बल्कि, स्वयं भी जुट जाती हैं।
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शनिवार को सांसद डॉ. संघमित्रा मौर्य को सूचना मिली कि राजकीय मेडिकल कॉलेज में कोविड वार्ड बंद है तो, वे स्वयं छापा मारने पहुंच गईं। रजिस्टर में एंट्री नहीं थी, जिसे देख पर उनका पारा चढ़ गया, उन्होंने उपस्थित स्टाफ को चेतावनी दी और तत्काल सुधार करने के निर्देश दिए, इसके अलावा उन्होंने उझानी और सहसवान के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों का भी औचक निरीक्षण किया तथा वार्ड में भर्ती मरीजों का हाल-चाल जाना। सांसद ने डॉक्टर एवं स्टाफ को निर्देश दिए मरीजों का अच्छे से ख्याल रखा जाए, इस मौके पर सांसद प्रतिनिधि बिल्सी क्षेत्र शिशुपाल शाक्य, सांसद प्रतिनिधि बिसौली क्षेत्र सनवीर पाल, सांसद प्रतिनिधि सहसवान क्षेत्र पुरुषोत्तम टाटा, जिलाध्यक्ष युवा मोर्चा अनुज माहेश्वरी, सांसद के मीडिया प्रभारी निष्कर्ष प्रताप सिंह, पूर्व चेयरमैन कछला जगदीश सिंह और मनीष पाल मौजूद रहे।
सांसद डॉ. संघमित्रा मौर्य की सक्रियता और व्यवहार को लेकर प्रशंसा की जा रही है, वहीं सवाल यह भी उठ रहा है कि ईमानदार और तेजतर्रार होने के बावजूद सांसद अवैध खनन को लेकर क्यों मौन हैं? भू-माफिया लगातार सरकारी और शत्रु संपत्तियों पर कब्जा कर रहे हैं, वे उन पर कार्रवाई क्यों नहीं करातीं? उझानी कोतवाली क्षेत्र के गाँव खजुरारा खाम के निकट दिनदहाड़े जेसीबी चल रही हैं, काँटा लगा है और सैकड़ों ओवरलोड ट्रैक्टर-ट्रॉली एवं डंपर दिनदहाड़े निकल रहे हैं, इस बारे में उन्हें न पता हो, ऐसा संभव नहीं है, फिर सवाल यह है कि वे गंगा में अवैध खनन करने वाले माफिया पर कार्रवाई क्यों नहीं करवा रही हैं?
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इसी तरह सहसवान में समाजवादी पार्टी के जिला सचिव खलीक अहमद और उसके बेटे जमशेद गुड्डू पर लेखपाल द्वारा सहसवान कोतवाली में एफआईआर दर्ज कराई गई थी, इनके नाम भू-माफिया पोर्टल पर दर्ज कर दिए गये थे लेकिन, सब-इंस्पेक्टर अशोक यादव ने विवेचना में दोनों को आरोप मुक्त कर दिया। भू-माफिया और उसे बचाने वाले सब-इंस्पेक्टर अशोक यादव पर सांसद ने कोई कार्रवाई क्यों नहीं कराई? सहसवान में ही करोड़ों रूपये कीमत की शत्रु संपत्ति पर भू-माफियाओं द्वारा दिनदहाड़े कब्जा किया जा रहा है लेकिन, सांसद इस पर भी मौन क्यों हैं?
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सहसवान क्षेत्र के गाँव रसूलपुर डांस निवासी दलित युवक हरवीर ने कानूनगो और एसडीएम से तंग आकर तहसील प्रांगण में ही विषाक्त पदार्थ खा लिया था, जिससे उसकी मृत्यु हो गई थी। मृतक हरवीर से एसडीएम ने अभद्रता की थी, जिससे आहत होकर उसने 6 फरवरी को तहसील प्रांगण में ही विषाक्त पदार्थ खा लिया था। मृतक पट्टे की भूमि को संक्रमणीय कराने का प्रयास कर रहा था पर, भ्रष्टाचार के चलते अफसर उसके प्रार्थना पत्र को इधर-उधर टरका देते थे, साथ ही एसडीएम पर अभद्रता करने का गंभीर आरोप लगाया गया था, इसी से तंग आकर हरवीर ने जान दे दी थी, इस प्रकरण में कानूनगो को बलि का बकरा बना दिया गया लेकिन, गंभीर आरोप लगने के बावजूद एसडीएम को हटाया तक नहीं गया, इस पर सांसद मौन क्यों हैं?
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