बदायूं जिले के हाईस्कूल एवं इंटर मीडिएट में सर्वाधिक अंक प्राप्त करने वाले सीबीएसई और सीआईएससीई बोर्ड के 26 मेधावी छात्र-छात्राओं को जिलाधिकारी दिनेश कुमार सिंह एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार त्रिपाठी ने फूल मालायें पहनाकर व प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। मेधावियों के शिक्षकों व अभिभावकों को भी फूलमालायें पहनाकर सम्मानित किया गया।
शुक्रवार को कलेक्ट्रेट स्थित सभाकक्ष में डीएम एवं एसएसपी ने हाईस्कूल में सीबीएसई बोर्ड के अंतर्गत टॉप टेन में रहने वाली उन्नति, सिद्धी जैन, कृृष्ण गोपाल, श्रद्धा वार्ष्णेय, अंशुमन नंदन, आकांक्षा गुप्ता, दिव्यांश अग्रवाल, कृृष्ण उपाध्याय, हर्ष शाक्य एवं दिव्यांशी उपाध्याय को, वहीं सीआईएससीई बोर्ड के हाईस्कूल में अताउर्रहमान, दिव्यांश पंडित एवं नैना भारद्वाज को टाॅप थ्री श्रेणी में अपना नाम दर्ज करवाने पर सम्मानित किया गया।
इंटरमीडिएट में सीबीएसई बोर्ड की श्रुति खंडुजा, रितुल भाटिया, श्याम अरोड़ा, माधव माहेश्वरी, नंदिता राज, मयंक शर्मा, तन्मय रस्तोगी, वैष्णवी जौहरी, साध्वी माहेश्वरी एवं अभय गुप्ता को, वहीं सीआईएससीई बोर्ड के इंटरमीडिएट में शोभित सक्सेना, श्वेता राठौर, प्रशान्त यादव को टाॅप थ्री श्रेणी में स्थान पाने पर सम्मानित किया गया।
डीएम एवं एसएसपी ने ब्लूमिंगडेल स्कूल, एपीएस इंटरनेशनल स्कूल, बाबा इंटरनेशनल स्कूल, मदर एथीना स्कूल, केन्द्रीय विद्यालय शेखूपुर, एसडीवीपी स्कूल, डी पाॅल स्कूल, फ्लोरेंस नाइटेंगल पब्लिक स्कूल, महर्षि विद्या मंदिर एवं आरके पब्लिक के बच्चों को टॉप टेन श्रेणी में आने में सहयोग करने वाले शिक्षकों को भी प्रशस्ति पत्र देकर एवं फूलमालायें पहलाकर सम्मानित किया।
डीएम व एसएसपी ने छात्र-छात्राओं के साथ अपने बचपन की यादें साझा कीं। डीएम ने कहा कि वह 17 किलोमीटर दूर साईकिल से जाकर टाट पर बैठकर विद्यालय में पढ़ाई करते थे। अच्छे अंक प्राप्त करने पर उनके गुरुजन ने उनकी पीठ थपथपाने से उनके अंदर आगे बढ़ने का जोश भर गया और उन्होंने फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा, दिन-रात लगन से पढ़ाई करते रहे, उन्होंने कहा कि वह शिक्षक भी रह चुके हैं, इसलिए उन्होंने विद्यार्थी और शिक्षक दोनों जीवन जिए हैं।
डीएम ने शिक्षकों से कहा कि पढ़ाई में कमजोर बच्चों से कभी कठिन सवाल न पूछें, वह जवाब नहीं दे पाएंगे और उनका मनोबल टूट जाएगा। इसके स्थान पर उनसे सरल और आसान सवाल पूछें, इससे वह आसानी से उसका उत्तर दे सकेंगे और उनका मनोबल बढ़ेगा, ऐसा होने पर शिक्षक विद्यार्थियों की पीठ थपथपाकर उन्हें शबाशी दें, जिससे वह घर जाकर सबसे पहले खुद को मिली शबाशी के बारे में अपने अभिभावकों को बताएगा और पहले से ज्यादा मेहनत कर और अच्छे अंक प्राप्त करेगा। विद्यालय में सुबह प्रार्थना के बाद आधा घंटा संस्कार की पाठशाला भी लगाई जाए और साथ ही यह भी परखा जाए कि जो संस्कार दिए जा रहे हैं, विद्यार्थी उनका पालन कर भी रहे हैं अथवा नहीं।
एसएसपी ने कहा कि आपकी कामयाबी से जो मान मिले, उसका सम्मान अवश्य करें और आगे बढ़ें। उन्होंने सोशल मीडिया एवं इंटरनेट का अधिक इस्तेमाल करने वाले विद्यार्थियों को भी सतर्कता बरतने की हिदायत दी है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों से जाने-अनजाने में सोशल मीडिया व इंटरनेट पर बहुत से क्राइम हो जाते हैं, इसलिए कुछ भी करने से पहले सतर्कता ज़रूर बरतें। उन्होंने कहा कि अधिकतर विद्यार्थी इंटरमीडिएट कर कोटा का रुख करते हैं, वहां भी सावधान रहने की ज़रूरत है। ऐसा देखने में आया है कि वहां के कुछ लोग नए विद्यार्थियों को ड्रग्स एडिक्ट बनाने का प्रयास करते हैं, जिससे सावधानी बरतने की अति आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि अच्छे अंक से पास होकर जितनी खुशी एक विद्यार्थी और उसके अभिभावकों को होती है, उससे ज्यादा खुशी उनके शिक्षकगणों को होती है। इसलिए बच्चे खूब मेहनत करके अपने अभिभावक, शिक्षक, विद्यालय एवं जनपद का नाम देश में रोशन करें। उन्हें उम्मीद है कि एक दिन परिसर में उपस्थित सभी मेद्यावी विद्यार्थी जीवन में अवश्य सफल होंगे। शिक्षकों ने डीएम से वायदा किया अगले वर्ष होने वाली परीक्षाओं में जनपद के बच्चे प्रदेश में नाम रोशन करेंगे। इस अवसर पर डीआईओएस राममूरत मौजूद रहे।
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