बदायूं जिले में विधान सभा चुनाव को लेकर तापमान बढ़ने लगा है। सोशल साइट्स पर एक मैसेज वायरल हो रहा है, जिसमें समाजवादी पार्टी को लेकर कई बातें कही गई हैं। मैसेज में कहा जा रहा है कि जिले में दो मुस्लिम नेताओं को टिकट देना चाहिए। मुस्लिमों से सक्रिय होने का आह्वान किया जा रहा है।
पहले सोशल साइट्स पर वायरल मैसेज को पढ़ें। “बदायूं जिले की सभी 6 विधानसभा सीटों पर मुसलमानों की अच्छी खासी तादात है, जिसमें दो सीटें मुस्लिम बाहुल्य हैं, बदायूं सदर सीट पर 90 हजार मुस्लिम वोट हैं और शेखूपुर सीट पर 1 लाख 35 हजार से ज्यादा मुस्लिम वोट हैं, इसीलिये सपा को इन दोनों सीटों से किसी अच्छे मुस्लिम उम्मीदवार को ही टिकट देना चाहिये। अगर, इन दोनों सीटों पे मुसलमान नेता को टिकट नहीं दे सकते तो, क्या मुसलमान सिर्फ वोट देने के लिये हैं?
क्या ये सीट सिर्फ एक खानदान की बपौती है? वही हमेशा यहाँ से चुनाव लड़ेगें, सपा को इस सीट से इस बार किसी मुस्लिम उम्मीदवार को मौका देना चाहिये… आखिर, कब तक ये दोगला व्यवहार हमारी कौम के साथ होता रहेगा? कब तक हम लोगों को कुर्बानिया देनी होंगी अपनी वफादारी की? अब भी अगर, खामोश बैठे तो, कभी अपना हक हासिल नहीं कर पायेंगे, जाग जाओ, अपना हक मांगों, क्योंकि जो कौमें सोई रहती हैं, उन्हें सिर्फ तारीखों में याद रखा जाता है और उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता कि उनका हुकुमरान कौन है? ये अब हमको तय करना होगा कि हम जिंदा कौम हैं या, मुर्दा वर्ना, हमारी सियासी पहचान ही खत्म हो जाऐगी… अपने हक़ और हुकूक की लड़ाई लड़ो और अगर, न मिले तो उसे छीन लो, हम जिंदा कौम हैं और रहेंगे ता कयामत तक।”
उक्त वायरल मैसेज की जिले भर में चर्चा की जा रही है। असलियत में जिम्मेदार लोगों द्वारा जिस तरह से रणनीति बनाई जा रही थी, उसका परिणाम ऐसा ही आना था। संभवतः निजी रंजिश के चलते जिले से मुस्लिमों का नेतृत्व समाप्त करने की साजिश रची जा रही थी। सूत्रों का कहना है कि सदर विधान सभा क्षेत्र में आबिद रजा को मात देने को मुस्लिम खां को चुना गया था लेकिन, सूत्रों का कहना है कि मुस्लिम खां ने स्पष्ट कह दिया है कि उन्होंने शेखूपुर विधान सभा क्षेत्र में मेहनत की है, यहाँ की जनता उन्हें प्यार करती है, वे जनता के हर सुख-दुःख में रात-दिन खड़े रहते हैं, ऐसे में वे अपने परिवार जैसी जनता को नहीं छोड़ सकते।
मुस्लिम खां के मना करते ही साजिश कर्ताओं की साजिश फेल हो गई तो, वे किनारा करने लगे। हालाँकि मुस्लिम खां समाजवादी पार्टी में ही है और उनकी ओर से अभी तक ऐसा कोई बयान नहीं आया है, वे रात-दिन क्षेत्र में दौरे कर रहे हैं पर, वायरल मैसेज को उक्त घटनाक्रम से ही जोड़ कर देखा जा रहा है पर, इस सब पर दावा नहीं किया जा सकता है। अंदर ही अंदर गर्म हो रही राजनीति के थोड़ा और गर्म होने तक प्रतीक्षा करना होगी। एक-दो महीनों में सब कुछ स्पष्ट हो जायेगा।
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