बदायूं जिले के लोगों को भी यह लगता था कि ऑन लाइन सेवा होने से एआरटीओ में व्याप्त भ्रष्टाचार समाप्त हो जायेगा और फिर उनका काम ईमानदारी और तत्परता से होने लगेगा लेकिन, हुआ एक दम उल्टा। ऑन लाइन होने के बाद लापरवाही चरमसीमा पर पहुंच गई है एवं भ्रष्टाचार में भी तीस से पचास प्रतिशत तक की बढ़ोत्तरी हो गई है, जिससे हाहाकार मचा हुआ है लेकिन, न कोई देखने वाला नजर आ रहा है और न ही सुनने वाला।
सरकार को लगता है कि ई-गवर्नेंस को बढ़ावा देने से आम जनता को सहूलियत होगी। भ्रष्टाचार और लापरवाही पूरी तरह हो जायेगी, इसी क्रम में जनता से जुड़े कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर ऑन लाइन किया जा रहा है। एआरटीओ में ड्राइविंग लाइसेंस, परमिट और टैक्स वगैरह की सेवाओं को ऑन लाइन कर दिया गया है। अपॉइंटमेंट लेने की सुविधा भी ऑन लाइन कर दी गई है। चूंकि व्यवस्था नई है, इसलिए आम जनता को समस्या आ रही है, वहीं कार्यालय के कर्मचारी डरा कर व्यवस्था की धज्जियां उड़ाते नजर आ रहे हैं।
एआरटीओ में तैनात संविदा कर्मियों के बारे में बताया जा रहा है कि वे आम जनता को ऑन लाइन सेवा से डराते हैं और फिर पहले से कई गुना ज्यादा रिश्वत वसूलते हैं। आवेदक अपने घर अथवा, कैफे से आवेदन कर दे तो, कर्मचारी कनेक्टविटी की समस्या बता कर कई-कई चक्कर लगवाते हैं। परेशान होकर आवेदक भ्रष्ट संविदा कर्मियों को ही काम का ठेका दे देता है, साथ ही एआरटीओ पर बैठने वाले दलाल भी पहले से कई गुना ज्यादा दाम वसूल रहे हैं। आवेदक संविदा कर्मियों और दलालों के माध्यम से ही कुछ करा सकता है, वरना उसे भ्रष्ट कर्मी दौड़ाते ही रहते हैं।
सरकार ने आम जनता की सहूलियत के लिए ऑन लाइन सेवा शुरू की थी। सेवा अक्षरशः लागू की जाती तो, आम जनता को लाभ होता और सरकार की प्रशंसा होती लेकिन, आम जनता की परेशानी और रिश्वत दोगुना हो गई है, जिससे परेशान जनता सरकार को कोस रही है। समय रहते भ्रष्टाचार पर अंकुश नहीं लगा तो, सत्ताधारी भाजपा को सीधा नुकसान होगा।
(गौतम संदेश की खबरों से अपडेट रहने के लिए एंड्राइड एप अपने मोबाईल में इन्स्टॉल कर सकते हैं एवं गौतम संदेश को फेसबुक और ट्वीटर पर भी फ़ॉलो कर सकते हैं, साथ ही वीडियो देखने के लिए गौतम संदेश चैनल को सबस्क्राइब कर सकते हैं)