बदायूं जिले में शुक्रवार को अजीब तरह से वाहन चेकिंग की गई। सशस्त्र पुलिस मुख्य मार्ग घेर कर खड़ी हो गई और आम जनता पर हथियार भी ऐसे तान दिए गये, जैसे किसी हिस्ट्रीशीटर को दबोचना हो। बाइक सवारों को रोक कर तेजी से उनके हाथ ऊपर करा दिए गये और फिर उनका झाड़ा भी लिया गया।
बताया जा रहा है कि पुलिस को प्रदेश स्तर से निर्देश दिए गये थे कि शुक्रवार को सशस्त्र पुलिस दोपहिया वाहन सवारों को हथियारों के बल पर रोकेगी और फिर हाथ ऊपर करा कर झाड़ा लेगी। मुख्य मार्ग पर सब-इन्स्पेक्टर रिवाल्वर ताने और सिपाही रायफल ताने दिखाई दिए तो, लोगों को लगा कि कोई बड़ा अपराधी आने की सूचना मिली होगी पर, ऐसा कुछ नहीं था। उच्च स्तरीय निर्देशों पर पुलिस ने आम जनता का ही झाड़ा लिया।
कुछेक बाइक सवारों के साथ पत्नियाँ भी थीं, कुछेक के साथ छोटे बच्चे भी थे, जो पति और पिता के साथ पुलिस के व्यवहार को देख कर सहम से गये। आम जनता को भयमुक्त वातावरण देने की जगह आम जनता के साथ यह क्या किया जा रहा है, यह कोई समझ ही नहीं पा रहा है।
हर किसी का मान-सम्मान और स्वाभिमान होता है, उसके ऊपर यूं ही हथियार तान देना एक तरह से मानवाधिकारों का हनन ही कहा जायेगा। सरकार को इस तरह के निर्देशों पर गंभीरता से विचार करना चाहिए और ऐसा पुनः न हो, ऐसा निर्देश देना चाहिए। आम जनता के मान-सम्मान और स्वाभिमान की रक्षा करना सरकार का प्रथम दायित्व होना चाहिए। सवाल यह भी है अपराधी कार से नहीं चलते हैं क्या?
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